Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने बांड शर्तों का उल्लंघन करने वाले 234 अनुबंधित डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
इन डॉक्टरों ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस, एमडी या एमएस की डिग्री प्राप्त की थी और दाखिले के समय यह बांड साइन किया था कि वे पढ़ाई पूरी करने के बाद कम से कम पांच साल तक राज्य (Uttarakhand News) में सेवा देंगे। लेकिन इनमें से अधिकांश डॉक्टरों ने न तो सेवा दी और न ही बांड की पेनल्टी राशि जमा की, जो 20 से 30 लाख रुपये प्रति डॉक्टर है। अब स्वास्थ्य विभाग इन डॉक्टरों से दो करोड़ रुपये तक की वसूली करेगा।
राज्य सरकार (Uttarakhand News) ने डॉक्टरों के नाम नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को भेजने का भी निर्णय लिया है, ताकि उनके खिलाफ नियामक कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा, स्वास्थ्य महानिदेशक को इन डॉक्टरों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
Uttarakhand News: पांच साल सेवा या जुर्माना
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के समय डॉक्टरों से यह वचन लिया जाता है कि वे राज्य (Uttarakhand News) में पांच साल तक सेवा देंगे या जुर्माना भरेंगे। बांड की यह शर्त इसलिए है ताकि राज्य के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें। लेकिन कई डॉक्टर पढ़ाई के बाद या तो नौकरी पर नहीं लौटे, या फिर अध्ययन अवकाश लेकर वापस नहीं आए। इन सभी ने बांड राशि भी नहीं चुकाई।
इन डॉक्टरों की तैनाती विभिन्न जिलों के अस्पतालों और चिकित्सा इकाइयों में की गई थी। इनमें से कई ने तीन साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स और दो साल का पीजी डिप्लोमा किया, लेकिन एमबीबीएस के समय भरा गया सुरक्षा बांड निदेशालय को नहीं सौंपा।
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कई बार भेजे गए नोटिस, फिर भी नहीं मिले जवाब
स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand News) की ओर से इन डॉक्टरों को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन उन्होंने न तो ड्यूटी जॉइन की और न ही जुर्माना भरा। वर्ष 2022 में भी मेडिकल डायलॉग्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था कि या तो वे ड्यूटी जॉइन करें या जुर्माना भरें। इसके बाद 369 डॉक्टरों की सूची प्रकाशित की गई थी जो अनुपस्थित थे। लेकिन उसके बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
किन कॉलेजों के डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया
- हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज: 95 डॉक्टर
- श्रीनगर मेडिकल कॉलेज: 83 डॉक्टर
- दून मेडिकल कॉलेज: 56 डॉक्टर
किन जिलों में डॉक्टरों की भारी कमी
इन डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से राज्य (Uttarakhand News) के पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। निम्नलिखित जिलों में चिकित्सकों के खाली पद चिंताजनक स्थिति में हैं:
- चमोली: 46 पद खाली
- नैनीताल: 41
- टिहरी: 29
- पौड़ी: 26
- पिथौरागढ़: 25
- उत्तरकाशी: 25
- अल्मोड़ा: 16
- रुद्रप्रयाग: 14
- चंपावत: 11
- बागेश्वर: 10
- देहरादून: 1
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, “इन डॉक्टरों ने राज्य सरकार से सब्सिडी पर शिक्षा प्राप्त की, लेकिन बांड की शर्तों का उल्लंघन किया। यह केवल अनुशासनहीनता ही नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है। अब इनके नाम NMC को भेजे जाएंगे ताकि नियामक स्तर पर भी इन पर कार्रवाई हो सके।”
उन्होंने आगे कहा, “संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों और अस्पतालों के प्रभारियों से भी जवाब तलब किया जाएगा कि अब तक इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई।”
सीएजी रिपोर्ट का भी हुआ खुलासा
इससे पहले इस वर्ष यह भी सामने आया था कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 248 डॉक्टरों को मेडिकल काउंसिल से एनओसी मिल गई, जबकि उन्होंने बांड की शर्तें पूरी नहीं की थीं।
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