Cipla: देश की दवा निर्माता दिग्गज कंपनी Cipla को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) से बड़ी राहत मिली है।
इनहेल्ड इट्राकोनाज़ोल ड्राय पाउडर (PUR1900) के फेज II क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों को स्वीकार करते हुए, समिति ने 10mg कैप्सूल के 40mg डोज के साथ फेज III क्लिनिकल ट्रायल को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है।
यह निर्णय 11 मार्च 2025 को आयोजित SEC (पल्मोनरी) की बैठक में लिया गया, जिसमें Cipla द्वारा प्रस्तुत किए गए फेज II ट्रायल रिपोर्ट की गहन समीक्षा की गई।
क्या है Cipla की PUR1900?
PUR1900 एक इनहेल्ड ड्राय पाउडर फॉर्मुलेशन है, जिसे इट्राकोनाज़ोल के साथ तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से सिस्टिक फाइब्रोसिस (CF) से ग्रसित मरीजों में एस्परगिलस फंगल इंफेक्शन का इलाज करना है। भविष्य में इसका उपयोग अन्य श्वसन संबंधी फंगल संक्रमणों में भी किया जा सकता है।
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इट्राकोनाज़ोल कैसे करता है काम?
इट्राकोनाज़ोल एक ट्रायाज़ोल वर्ग का एंटीफंगल है जो फंगल कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा कर देता है। यह लैनोस्टेरोल 14-α-डेमिथाइलेज नामक एंजाइम को रोकता है, जिससे फंगल सेल में एर्गोस्टेरोल नहीं बन पाता और सेल मेम्ब्रेन की संरचना बिगड़ जाती है।
दवा के संभावित दुष्प्रभाव
इस दवा से कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स जैसे मतली, उल्टी, दस्त, कब्ज और सिरदर्द हो सकते हैं। जबकि कुछ मामलों में लीवर डैमेज और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी देखी गई हैं।
SEC की सिफारिश
कमेटी ने Cipla के फेज II क्लिनिकल ट्रायल डाटा को स्वीकार करते हुए 40mg डोज के साथ अगले चरण में ट्रायल की अनुमति दी। साथ ही, समिति ने यह भी सुझाव दिया कि कंपनी को फेज III ट्रायल का प्रोटोकॉल CDSCO को प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि आगे की प्रक्रिया चलाई जा सके।
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