Indian Army: भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के उरी सीमा क्षेत्र में हाल ही में हुए संघर्ष विराम उल्लंघनों से प्रभावित नागरिकों के लिए एक विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
सेना के श्रीनगर स्थित प्रवक्ता ने बताया कि यह शिविर नाम्बला ए, नाम्बला बी, नाम्बला सी, सहोरा, हथलंगा, सिलिकोट, घरकोट, बालकोट, मच्छीक्रंड, बांदी, लगामा, रजरवानी और परन पिलान जैसे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले 500 से अधिक ग्रामीणों के लिए लगाया गया था।
प्रवक्ता के अनुसार, एक समर्पित चिकित्सा टीम जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर और एक मनोवैज्ञानिक शामिल थे, ने ग्रामीणों को निःशुल्क परामर्श, प्राथमिक उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, स्वच्छता और रोगों की रोकथाम से जुड़ी जागरूकता सत्रों की सुविधा प्रदान की।
इस पहल को स्थानीय लोगों ने अत्यंत सराहना और आभार के साथ स्वीकार किया। सेना (Indian Army) की यह मुहिम न केवल सुरक्षा प्रदान करने तक सीमित है, बल्कि वह सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को आवश्यक सेवाएं भी उपलब्ध करा रही है। चिनार कॉर्प्स का यह प्रयास जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रवक्ता ने कहा कि चिनार कॉर्प्स (Indian Army, Chinar Corps) शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने संकल्प पर कायम है और यह सुनिश्चित कर रही है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय पर सहायता मिले।
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Indian Army: सुरक्षा तनाव के बीच देशभर में हाई-अलर्ट
जैसे-जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे 25 प्रतिशत बिस्तर आपातकालीन स्थिति के लिए आरक्षित रखें।
यह फैसला हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में लिया गया है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी।
Indian Army: राष्ट्रीय स्तर पर आपातकालीन मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक देशव्यापी पहल के तहत दिल्ली के अस्पतालों में एक उच्च-स्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सायरनों की आवाज़ गूंजती रही, स्ट्रेचर पर मरीज लाए गए, और अस्पताल परिसर में लाउडस्पीकर पर निर्देश प्रसारित होते रहे।
इस अभ्यास का उद्देश्य बड़ी आपात स्थितियों और संभावित खतरों से निपटने की तैयारी को परखना था। राजधानी दिल्ली सहित देशभर के अस्पतालों ने इस ड्रिल में भाग लेकर अपने संसाधनों और कर्मचारियों की तत्परता को जांचा।
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