UP Minister Sanjeev Gond: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा विधानसभा क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
राज्य के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड ने एक विकलांग डॉक्टर का सिर्फ इसलिए तबादला “जंगल” में करने का आदेश दे दिया क्योंकि डॉक्टर ने अस्पताल में उनके आगमन पर स्वागत नहीं किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे राजनीतिक घमासान मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना बुधवार को सोनभद्र जिले के डिबुलगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है, जहां मंत्री संजीव गोंड एक सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे थे। मौके पर समर्थकों ने उनका स्वागत किया, लेकिन मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर रवि सिंह, जो उस समय एक मरीज को देख रहे थे, उद्घाटन में शामिल नहीं हो सके।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मंत्री गोंड अस्पताल में प्रवेश करते ही पूछते हैं, “यहां का मुख्य व्यक्ति कौन है?” फिर वे जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को फोन कर कहते हैं, “इसको बाहर भेजो… किसी जंगल में भेजो… मेरी विधानसभा में ऐसे लोग क्यों रखे गए हैं?”
डॉक्टर ने मंत्री को बताया कि वह मरीज को देख रहे थे और बाद में उनसे मिलने भी आए थे, लेकिन मंत्री ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और कहा, “इसे यहां से हटाओ, यह लोगों से सही व्यवहार नहीं करता।”
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री औचक निरीक्षण में जिला हॉस्पिटल पहुंचे…प्रोटोकॉल नहीं मिला तो CMO को फोन कर फटकारा…बोले-CMS का तत्काल सुदूर जंगल में ट्रांसफर करने का निर्देश…
सोनभद्र जिले के अस्पताल में राज्य मंत्री का प्रोटोकॉल
राज्य मंत्री संजीव गोंड को अस्पताल में… pic.twitter.com/G2lKoCeThW— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) April 16, 2025
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मंत्री ने दी सफाई
बवाल बढ़ने पर मंत्री संजीव गोंड ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “शायद डॉक्टर को मेरे आने की जानकारी नहीं थी, अगर होती तो उनका व्यवहार सही होता।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि अस्पताल में गरीबों को बेहतर सुविधा मिले।
विपक्ष का हमला
मामले के तूल पकड़ते ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मंत्री संजीव गोंड पर तीखा हमला बोला। विपक्षी दलों ने कहा कि यह एक डॉक्टर का अपमान है, जो मरीज की सेवा कर रहा था। इस तरह के तानाशाही रवैये की निंदा होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। यूजर्स ने मंत्री के व्यवहार को “असंवेदनशील” और “तानाशाही” बताया। कई लोगों ने लिखा कि डॉक्टर अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे और ऐसे में उन्हें सजा देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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