Ayushman Bharat Fraud: आयुष्मान भारत योजना के तहत कथित फर्जीवाड़े के एक मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाराणसी स्थित एक बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे निजी अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया है।
राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने शनिवार को यह कार्रवाई उस वक्त की, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय, जवाहर नगर में जनसुनवाई के दौरान एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई।
स्थानीय निवासी सुरेंद्र बनवासी ने आरोप लगाया कि नयेपुर क्षेत्र स्थित ‘आशा अस्पताल’ ने उनके पिता के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Fraud) के तहत क्लेम लिया, जबकि उनसे इलाज की पूरी रकम नकद भी वसूली गई। हालांकि, बाद में अस्पताल ने पैसे लौटा दिए, लेकिन इस दोहरी वसूली की शिकायत उन्होंने मंत्री के समक्ष दर्ज कराई।
यह भी पढ़ें: नवजातों की जांच और समय पर इलाज से सिकल सेल एनीमिया मृत्यु दर 5% से भी कम
सीएमओ और पुलिस की टीम ने किया अस्पताल सील
मंत्री सुरेश खन्ना ने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी और स्थानीय प्रशासन को जांच के निर्देश दिए। जांच अधिकारी के रूप में डॉ. शेर मुहम्मद को नियुक्त किया गया। जांच में पाया गया कि आशा अस्पताल बिना आवश्यक पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित हो रहा था। इसके बाद बरगांव थाने की पुलिस टीम और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल को सील कर दिया।
सीएमओ बोले – “मंत्री जी ने लिया गंभीर संज्ञान”
सीएमओ डॉ. चौधरी ने बताया, “मंत्री जी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और उसी दिन सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जांच में अस्पताल का रजिस्ट्रेशन न होना पाया गया, जिसके चलते अस्पताल सील कर दिया गया और एफआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
राज्यभर में उजागर हो रहे हैं फर्जीवाड़े
यह मामला आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat Fraud) प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं की ओर संकेत करता है। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों में निजी अस्पतालों द्वारा फर्जी क्लेम के जरिए करोड़ों की हेराफेरी का मामला सामने आ चुका है।
10 करोड़ रुपये का खुलासा – 6000 से अधिक फर्जी क्लेम
मेडिकल डायलॉग्स की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat Fraud) और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत करीब 10 करोड़ रुपये के फर्जी दावों का बड़ा घोटाला सामने आया था। लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस सिलसिले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें 6000 से अधिक फर्जी क्लेम का पता चला था।
Discussion about this post