Rajasthan Silicosis Scam: राजस्थान में एक बड़ा सिलिकोसिस घोटाला सामने आया है, जिसमें डॉक्टरों, रेडियोग्राफर्स और रेडियोलॉजिस्ट्स की मिलीभगत से सैकड़ों स्वस्थ लोगों को सिलिकोसिस मरीज बताकर सरकार से करोड़ों की आर्थिक सहायता दिलवाई गई। यह घोटाला करीब ₹90 करोड़ का बताया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया कि कुल 7,000 से अधिक मामलों में से 2,589 मामले फर्जी (Rajasthan Silicosis Scam) निकले। इनमें स्वस्थ व्यक्तियों को सिलिकोसिस पीड़ित दर्शाकर ₹3 लाख की सरकारी सहायता दी गई। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 436 अपात्र व्यक्तियों को ₹13.08 करोड़ की राशि दी जा चुकी है, जबकि ₹77.67 करोड़ की राशि 2,589 लोगों को दिए जाने से पहले ही रोक दी गई।
दौसा ज़िले में सबसे ज़्यादा फर्जीवाड़ा
सिर्फ दौसा ज़िले में ही 1,740 फर्जी मामले पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 6 डॉक्टरों, 6 रेडियोग्राफर्स और 2 रेडियोलॉजिस्ट्स के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को कार्रवाई की सिफारिश की है। SMS अस्पताल की टीम ने जांच के बाद पाया कि X-ray का गलत इस्तेमाल कर सैकड़ों स्वस्थ लोगों को सिलिकोसिस पीड़ित घोषित किया गया।
कैसे हुआ घोटाला?
डॉक्टरों और रेडियोलॉजिस्ट्स की टीमों ने पहले से इलाज करवा रहे मरीजों की X-ray रिपोर्ट्स का इस्तेमाल कर स्वस्थ लोगों के नाम पर प्रमाणपत्र जारी किए। इन फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकार की राजस्थान न्यूमोकोनिओसिस नीति 2022 के तहत ₹3 लाख की एकमुश्त सहायता, ₹1500 मासिक पेंशन और मृत्यु पर ₹2 लाख की सहायता राशि का लाभ लिया गया।
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जिन जिलों में गड़बड़ी पाई गई:
- दौसा: 1,740 फर्जी मामले (413 को भुगतान किया गया)
- जोधपुर: 531 फर्जी मामले (18 को भुगतान किया गया)
- करौली: 291 फर्जी मामले (कोई भुगतान नहीं)
- पाली: 21 फर्जी मामले (5 को भुगतान किया गया)
- जयसलमेर: 6 फर्जी मामले (कोई भुगतान नहीं)
डॉक्टरों की टीमें जो फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने में शामिल थीं:
- डॉ. प्रेम मीणा (मालवीय नगर), रेडियोग्राफर केतन (बांदीकुई), रेडियोलॉजिस्ट घनश्याम (भोलापाड़ा) — 444 प्रमाण पत्र में से 346 फर्जी पाए गए।
- डॉ. मनोज उच्चवाल (दौसा), रेडियोग्राफर संदीप शर्मा, रेडियोलॉजिस्ट घनश्याम — 1016 में से 727 रिपोर्ट्स फर्जी।
- डॉ. देवीनारायण शर्मा (जयपुर), रेडियोग्राफर मनोहर लाल यादव, रेडियोलॉजिस्ट घनश्याम — 884 में से 542 रिपोर्ट्स फर्जी।
- डॉ. दिनेश कुमार (महुवा जिला अस्पताल), रेडियोलॉजिस्ट सुरेश चंद सैनी, रेडियोग्राफर लोकेन्द्र सिंह — 41 मरीजों को एक ही X-ray रिपोर्ट दी गई।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
एक मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर ने इस घोटाले पर X (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि सिलिकोसिस घोटाला बेहद चौंकाने वाला है। एक ही X-ray का इस्तेमाल कई स्वस्थ लोगों को सिलिकोसिस मरीज दिखाने में किया गया। उम्मीद है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने ACB को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। पाली, जोधपुर, जयसलमेर और करौली में भी ऐसी ही धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इन सभी जिलों में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।
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