Amit Shah Diabetes: वर्ल्ड लिवर डे के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने स्वास्थ्य से जुड़ी एक प्रेरणादायक जानकारी साझा की। दिल्ली के लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान (ILBS) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अमित शाह ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी जीवनशैली में बड़े बदलाव कर दवाओं और इंसुलिन से मुक्ति पाई।
अमित शाह ने बताया कि वे पिछले 5 वर्षों से डायबिटीज के मरीज रहे हैं, लेकिन मई 2020 से उन्होंने अपनी दिनचर्या में ऐसा परिवर्तन किया कि अब उन्हें न तो इंसुलिन की जरूरत है और न ही किसी अन्य एलोपैथिक दवा की।
“शरीर को दो घंटे और दिमाग को छह घंटे दें”
कार्यक्रम में अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, “मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि अपने शरीर को रोजाना दो घंटे और दिमाग को कम से कम छह घंटे की नींद जरूर दें। मैं साढ़े चार साल की मेहनत के बाद आज दवाओं और इंसुलिन से मुक्त हूं।”
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Amit Shah की हेल्थ रूटीन से क्या सीख सकते हैं युवा?
अमित शाह (Amit Shah) की स्वास्थ्य यात्रा उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शन है जो बिना दवाओं के जीवन जीना चाहते हैं। उन्होंने अपनी दिनचर्या में निम्नलिखित परिवर्तन किए:
- बैलेंस डाइट: भोजन में ताजे फल, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार को शामिल किया।
- शुगर कंट्रोल: चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित किया जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित हुआ।
- नियमित व्यायाम: योग, वॉक और हल्के व्यायाम को रूटीन का हिस्सा बनाया।
- पर्याप्त नींद और जल सेवन: अच्छी नींद और दिनभर भरपूर पानी पीने को प्राथमिकता दी।
दृढ़ निश्चय और अनुशासन से मिली सफलता
उन्होंने यह भी बताया कि यह बदलाव आसान नहीं था, लेकिन संकल्प, अनुशासन और निरंतरता के बल पर उन्होंने यह सफलता प्राप्त की। उन्होंने इस अवसर पर सभी से आह्वान किया कि वे अपने शरीर को समय दें और अपनी सेहत को प्राथमिकता में रखें।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही असली ताकत
अमित शाह की यह कहानी बताती है कि जीवनशैली में बदलाव कर न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि पहले से मौजूद रोगों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों से जूझ रहे हैं।
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