Haryana Doctors Hunger Strike against Geo-Fencing Attendence: हरियाणा के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने गुरुवार को भूख हड़ताल कर जियोफेंसिंग आधारित हाजिरी प्रणाली के खिलाफ विरोध जताया।
उन्होंने इस कदम को गंभीर गोपनीयता हनन, कर्मचारियों के उत्पीड़न और व्यक्तिगत जानकारी के लीक होने का खतरा बताया।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज़ एसोसिएशन (HCMSA) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है, तो 28 अगस्त को राज्य भर के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे की भूख हड़ताल करेंगे।
सिविल सर्जन कार्यालय में धरना
प्रदर्शनकारियों ने मॉल रोड स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में धरना दिया। स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की विभिन्न संघों से प्रत्येक संघ के दो- दो प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए। स्वास्थ विभाग कर्मचारी तालमेल समिति, हरियाणा के बैनर तले यह धरना सुबह 9 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चला।
Geo-Fencing हाजिरी प्रणाली पर विरोध
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए जियोफेंसिंग (Geo-Fencing) आधारित हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत मोबाइल एप के माध्यम से डॉक्टरों की वास्तविक समय लोकेशन ट्रैक की जाएगी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की उपस्थिति की पुष्टि करना है।
लेकिन इस कदम को चिकित्सा समुदाय ने गोपनीयता और सुरक्षा जोखिमों के चलते खारिज किया।
सिस्टम का उद्देश्य और विवाद
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), हरियाणा द्वारा विकसित इस प्रणाली के माध्यम से प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। यह सिस्टम (Geo-Fencing) कर्मचारी निर्धारित भू-सीमाओं में प्रवेश और बाहर निकलने पर स्वतः हाजिरी दर्ज करता है।
सरकारी आदेश के अनुसार, सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन इस हाजिरी डेटा के आधार पर ही भुगतान किए जाएंगे। मई 30 को अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने इस बारे में DGHS, NHM मिशन डायरेक्टर और आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ प्रोटेक्शन अथॉरिटी को सूचित किया था।
यह भी पढ़ें: मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी लगाने के आदेश का विरोध तेज
डॉक्टरों और कर्मचारियों की आपत्ति
HCMSA सहित दंत चिकित्सक, नर्सिंग, फार्मेसी, OT तकनीशियन, रेडियोग्राफर, MPHW, GDA, NHM और अन्य संघों ने सिविल सर्जन डॉ. पूनम चौधरी को ज्ञापन सौंपकर सरकार से आदेश वापस लेने की मांग की।
डॉ. संजय वर्मा ने कहा, “यह प्रणाली न केवल भारत के संविधान में उल्लिखित गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन करेगी, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन करेगी। इसके साथ साइबर अपराध और वित्तीय हानि का खतरा भी बढ़ जाएगा क्योंकि कर्मचारी का मोबाइल SIM आधार और बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है।”
राजेश सिंगला (फार्मासिस्ट एसोसिएशन) ने कहा कि सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पहले से बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली में अपना रिकॉर्ड कर रहे हैं, इसलिए जियोफेंसिंग आधारित हाजिरी की कोई आवश्यकता नहीं है।
डॉ. आशीष ने कहा कि ये आदेश उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू किया जा रहा है जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका निभाते हुए जनता को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग
- Geo-Fencing आधारित हाजिरी प्रणाली को तुरंत वापस लिया जाए।
- कर्मचारियों की गोपनीयता और अधिकारों का उल्लंघन न हो।
- मोबाइल एप के जरिए उपस्थिति दर्ज करने के लिए कर्मचारियों पर दबाव बंद हो।
Discussion about this post