PG Medical Admission: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एम्स ने रिक्त सीटें होने के बावजूद मेडिकल पीजी कोर्स में दाखिले के लिए “स्पॉट राउंड” आयोजित नहीं किया।
आईएनआई-सीईटी 2025 के लिए पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग के मुख्य चरण (ओपन राउंड) के बाद, यदि सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें भरने के लिए “स्पॉट राउंड” आयोजित किया जाना चाहिए था। लेकिन एम्स द्वारा यह चरण आयोजित नहीं किया गया, जिसके कारण कई उम्मीदवारों को दाखिले का अवसर नहीं मिल सका।
न्यायालय की प्रतिक्रिया
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 28 मार्च को केंद्र और एम्स को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील तन्वी दुबे ने अदालत में एम्स के ‘प्रॉस्पेक्टस’ का हवाला देते हुए दलील दी कि इसमें ‘स्पॉट राउंड’ आयोजित करने की संभावना का जिक्र था।
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एम्स की दलील
एम्स के वकील ने तर्क दिया कि याचिका गलत तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि खाली रह गई पीजी सीटों को भरने के लिए संबंधित संस्थान (आईएनआई) अपने सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद ही अतिरिक्त काउंसलिंग आयोजित कर सकते हैं। एम्स ने यह भी कहा कि अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई), जहां सीटें खाली हैं, इस मामले में आवश्यक पक्षकार हैं।
याचिकाकर्ताओं की मांग
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह आईएनआई को भी इस मामले में पक्षकार बनाने के लिए एक आवेदन दायर करेंगी। उन्होंने अदालत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि एम्स बिना किसी देरी के “स्पॉट राउंड” काउंसलिंग आयोजित करे, ताकि अभ्यर्थियों को सीट हासिल करने का अवसर मिल सके।
आईएनआई-सीईटी 2025 की पृष्ठभूमि
एम्स ने आईएनआई-सीईटी परीक्षा के लिए 10 नवंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की थी, जिसके परिणाम 16 नवंबर 2024 को घोषित किए गए। एम्स के ‘प्रॉस्पेक्टस’ में उल्लेख था कि विभिन्न पीजी पाठ्यक्रमों में सीट आवंटन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग के पहले, दूसरे (ओपन राउंड) और ‘स्पॉट राउंड’ (यदि आवश्यक हो) एम्स द्वारा आयोजित किए जाएंगे।
याचिका का निष्कर्ष
याचिका में कहा गया है कि ‘प्रॉस्पेक्टस’ में स्पष्ट रूप से “स्पॉट राउंड” का उल्लेख था, जिससे अभ्यर्थियों को यह उम्मीद थी कि यह दौर आयोजित किया जाएगा। लेकिन जब एम्स ने इसे आयोजित नहीं किया, तो उम्मीदवारों को काउंसलिंग में भाग लेने और सीट हासिल करने का अवसर नहीं मिला।
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