NMC New Draft Framework: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने हाल ही में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और रैंकिंग के लिए नया ड्राफ्ट फ्रेमवर्क जारी किया है।
इस नए ड्राफ्ट में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनमें इंटर्न्स और रेजिडेंट डॉक्टरों को मिलने वाले वजीफे (स्टाइपेंड) को मान्यता और रैंकिंग के मापदंडों से हटा दिया गया है। पहले यह वजीफा “स्टूडेंट्स एडमिशन एंड अटेनमेंट ऑफ कॉम्पिटेंस” क्राइटेरिया के तहत शामिल था।
NMC के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (MARB) द्वारा जारी इस नए फ्रेमवर्क में कुल 11 क्राइटेरिया और 78 पैरामीटर्स निर्धारित किए गए हैं:
- पाठ्यक्रम कार्यान्वयन और क्षमता निर्माण गतिविधियाँ
- क्लीनिकल एक्सपोजर, प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और क्लीनिकल सुविधाएँ
- शिक्षण-प्रशिक्षण का वातावरण – भौतिक, मानसिक और व्यावसायिक
- छात्र प्रवेश, योग्यता प्राप्ति और प्रगति
- मानव संसाधन और शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रिया
- मूल्यांकन नीति (फॉर्मेटिव, आंतरिक और समेटिव मूल्यांकन)
- शोध कार्य और उसका प्रभाव
- वित्तीय संसाधन (आवर्ती और गैर-आवर्ती व्यय)
- सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम
- गुणवत्ता मूल्यांकन प्रणाली
- हितधारकों की प्रतिक्रिया और धारणा
हालांकि, इन सभी पैरामीटर्स में कहीं भी इंटर्न्स और रेजिडेंट डॉक्टरों के वजीफे का उल्लेख नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें: DTAB का बड़ा कदम: बिना मंजूरी वाले एंटीबायोटिक एफडीसी के लाइसेंस होंगे रद्द
NMC ने पुराने ड्राफ्ट से नए ड्राफ्ट में किए बदलाव
पिछले साल 2023 में जारी ड्राफ्ट फ्रेमवर्क में “स्टूडेंट्स एडमिशन एंड अटेनमेंट ऑफ कॉम्पिटेंस” के अंतर्गत “वित्तीय अधिकारों का प्रावधान (वजीफा और वेतनमान)” नामक एक पैरामीटर था, जिसमें इंटर्न्स और रेजिडेंट डॉक्टरों को वजीफा देने की व्यवस्था शामिल थी। अब इसे नए ड्राफ्ट में पूरी तरह से हटा दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, नए फ्रेमवर्क में अन्य कई बदलाव भी किए गए हैं:
- कुल पैरामीटर्स की संख्या 92 से घटाकर 78 कर दी गई है।
- फुल-टाइम या रेगुलर टीचर्स का अनुपात अब मान्यता के मापदंड में शामिल नहीं है।
- पब्लिकेशन्स इन हाई क्वारटाइल कैटेगरी जर्नल्स” पैरामीटर को भी हटा दिया गया है। अब सभी इंडेक्स्ड जर्नल्स में हुए पब्लिकेशन्स को गिना जाएगा।
वेटेज में बदलाव
नए ड्राफ्ट में वेटेज के वितरण में भी बदलाव किया गया है:
- पाठ्यक्रम कार्यान्वयन: 70 से बढ़ाकर 100
- क्लीनिकल एक्सपोजर: 160 से घटाकर 100
- शिक्षण-प्रशिक्षण वातावरण: 100 से बढ़ाकर 130
- छात्र प्रवेश और प्रगति: 130 से बढ़ाकर 140
- सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम: 50 से घटाकर 40
- हितधारकों की प्रतिक्रिया: 80 से घटाकर 40
थर्ड पार्टी असेसमेंट का प्रावधान
NMC ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि अब मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और रैंकिंग का कार्य एक स्वतंत्र थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा किया जाएगा। पहले यह कार्य गुणवत्ता परिषद (QCI) के सहयोग से किया जाता था।
NMC के इस नए ड्राफ्ट फ्रेमवर्क का उद्देश्य मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और मानकीकरण स्थापित करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से मेडिकल कॉलेजों की मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी।
Discussion about this post