भारत सरकार रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) की रोकथाम एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है।
देश में एक राष्ट्रीय रोगाणुरोधी प्रतिरोध निगरानी नेटवर्क (एनएआरएस-नेट) स्थापित किया गया है, जो विभिन्न प्राथमिकता वाले रोगजनकों की निगरानी करता है।
एनएआरएस-नेट द्वारा AMR की निगरानी
राष्ट्रीय रोगाणुरोधी प्रतिरोध निगरानी नेटवर्क (एनएआरएस-नेट) विभिन्न प्रयोगशालाओं के माध्यम से 9 प्राथमिकता वाले रोगजनकों की निगरानी करता है। वर्ष 2017 से 2023 तक के AMR निगरानी डेटा का विश्लेषण कर वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसे यहां देखा जा सकता है।
रेड लाइन जागरूकता अभियान
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा “रेड लाइन जागरूकता अभियान” शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य जनता को डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स, विशेष रूप से लाल खड़ी रेखा से चिन्हित दवाओं, के अनियंत्रित उपयोग के खिलाफ सचेत करना है। एंटीबायोटिक्स को औषधि नियम, 1945 की अनुसूची एच और एच1 में शामिल किया गया है, जिसके तहत इन्हें केवल पंजीकृत चिकित्सकों के नुस्खे पर ही बेचा जाता है।
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राष्ट्रीय उपचार दिशानिर्देश एवं एएमआर रोकथाम कार्यक्रम
सरकार ने एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए राष्ट्रीय उपचार दिशानिर्देश जारी किए हैं। संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित दिशानिर्देशों का उद्देश्य एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक उपयोग को कम करना है। इन दिशानिर्देशों को यहां देखा जा सकता है।
जागरूकता अभियान और सामुदायिक भागीदारी
AMR के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न माध्यमों से अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें पोस्टर, वीडियो, रेडियो जिंगल, और स्थानीय भाषाओं में मीडिया सामग्री शामिल है, जिन्हें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है।
विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह का आयोजन
हर वर्ष विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह (डब्ल्यूएएडब्ल्यू) के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और समुदाय के बीच जागरूकता बढ़ाने हेतु गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। एएमआर रोकथाम कार्यक्रम के तहत 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के लिए क्रमशः 666.89 लाख रुपये, 777.81 लाख रुपये और 919 लाख रुपये आवंटित किए गए।
देशभर में एएमआर निगरानी प्रयोगशालाएं
वर्तमान में देशभर में 60 मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान एनएआरएस-नेट के तहत AMR की निगरानी कर रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (दिल्ली), वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (दिल्ली), एसएमएस मेडिकल कॉलेज (जयपुर), बी.जे. मेडिकल कॉलेज (पुणे और अहमदाबाद), राजकीय मेडिकल कॉलेज (चंडीगढ़), और अन्य प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं।
भारत सरकार AMR से निपटने के लिए सतत प्रयासरत है और विभिन्न उपायों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने तथा संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु सक्रिय बनी हुई है।
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