Cervical Cancer: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गर्भाशय ग्रीवा (सर्विकल) कैंसर की जांच में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि देश भर में 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की 10.18 करोड़ से अधिक महिलाओं की Cervical Cancer के लिए जांच की जा चुकी है।
यह कार्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) के माध्यम से किया गया, जो गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की जांच, रोकथाम और प्रबंधन के लिए जनसंख्या आधारित रणनीति का हिस्सा है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2025 तक राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की 25.42 करोड़ महिलाओं की पात्र जनसंख्या में से 10.18 करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग (Cervical Cancer) की जा चुकी है।
Cervical Cancer: जांच की पद्धति और प्रक्रिया
इस पहल के तहत 30 से 65 वर्ष की महिलाओं की दृश्य निरीक्षण एसिटिक एसिड (VIA) पद्धति के माध्यम से जांच की जाती है। यह जांच मुख्यतः उप-स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती है। वीआईए पॉजिटिव पाए जाने वाले मामलों को आगे के नैदानिक मूल्यांकन के लिए उच्च स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाता है।
आशा कार्यकर्ताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका
इस कार्यक्रम की सफलता में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण रही है। वे समुदाय में जोखिमग्रस्त महिलाओं की पहचान करती हैं और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित जांच के लिए प्रेरित करती हैं। आशा कार्यकर्ता सीबीएसी (CBA-C) प्रपत्रों का उपयोग करके जांच प्रक्रिया को प्रभावी बनाती हैं और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरूकता भी फैलाती हैं।
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जागरूकता और संचार अभियान
सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और विश्व कैंसर दिवस जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से मनाए जाते हैं। साथ ही, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि सर्विकल कैंसर और अन्य एनसीडी पर ध्यान आकर्षित किया जा सके।
विशेष स्क्रीनिंग अभियान
मंत्रालय ने स्क्रीनिंग (Cervical Cancer) में तेजी लाने के लिए 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक एक विशेष एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान भी चलाया था, जिसने इस उपलब्धि में विशेष योगदान दिया। इस अभियान ने न केवल जांच दरों को तेज किया, बल्कि जनता में बीमारी के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
राज्यों को दी जा रही सहायता
एनएचएम के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं (PIP) के अनुरूप जागरूकता सृजन गतिविधियों के लिए विशेष निधियां दी जाती हैं, ताकि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की समय रहते पहचान और इलाज संभव हो सके।
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