AFMS Bond Policy NEET PG 2025: सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) ने NEET PG और NEET MDS 2025 के लिए सूचना बुलेटिन और काउंसलिंग स्कीम जारी कर दी है।
इसमें स्पष्ट किया गया है कि AFMS संस्थानों में पोस्टग्रेजुएट मेडिकल (MD/MS/DNB) और डेंटल (MDS) कोर्स में दाखिला लेने वाले सिविलियन उम्मीदवारों को कोर्स पूरा होने के बाद 5 वर्षों तक AFMS में मेडिकल ऑफिसर के रूप में सेवा करनी होगी। यदि कोई उम्मीदवार इस सेवा बाध्यता को पूरा नहीं करता है, तो उसे भारी जुर्माना देना होगा—MD/MS/DNB कोर्स के लिए ₹59 लाख और MDS कोर्स के लिए ₹54 लाख।
पिछले वर्ष PG मेडिकल कोर्स के लिए यह जुर्माना ₹57.7 लाख था। नए बुलेटिन के अनुसार, NEET PG और MDS 2025 परीक्षा पास करने के बाद जो सिविलियन उम्मीदवार AFMS संस्थानों में दाखिला लेंगे, उन्हें एक बांड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करना होगा जिसमें यह घोषित करना होगा कि वे कोर्स पूरा करने के बाद AFMS में 5 वर्षों तक सेवा करेंगे।
NEET PG: सेवा से इनकार करने पर जुर्माना
बुलेटिन में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई उम्मीदवार कोर्स पूरा करने के बाद AFMS में कमीशन लेने से इनकार करता है, तो उसे ₹59 लाख (NEET PG ) या ₹54 लाख (MDS) की राशि भारत सरकार को लौटानी होगी। यह बांड एक ₹500 के गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर बनवाकर उप-पंजीयक कार्यालय में रजिस्टर/नोटराइज़ करना होगा और दाखिले के दिन जमा करना होगा। रजिस्ट्रेशन से जुड़ा खर्च उम्मीदवार को स्वयं उठाना होगा।
यह भी पढ़ें: AIIMS के नए स्टडी में खुलासा- प्राइवेट स्कूलों के छात्रों में अधिक मोटापा
मेडिकल फिटनेस और उम्र की सीमा
AFMS में भर्ती होने के लिए उम्मीदवारों को मेडिकल रूप से फिट होना जरूरी है। Priority-V श्रेणी (सिविलियन उम्मीदवार) के लिए अधिकतम उम्र सीमा 31 दिसंबर 2025 को 30 वर्ष से कम (यानी जन्म 01 जनवरी 1996 या उसके बाद) होनी चाहिए।
Non-Service Liability (NSL) और जुर्माने के नियम
AFMS ने यह भी बताया कि यदि कोई उम्मीदवार किसी कारणवश 35 वर्ष की उम्र पार करने से पहले कोर्स पूरा नहीं कर पाता है, तो उसे कमीशन के लिए अयोग्य मान लिया जाएगा और वह NSL घोषित किया जाएगा। ऐसे मामलों में भी उम्मीदवार को बांड राशि सरकार को चुकानी होगी।
NEET PG: बांड की प्रमुख शर्तें
- सेवा से इनकार: कोर्स पूरा करने के बाद यदि कोई उम्मीदवार सेवा करने से इनकार करता है, तो उसे पूरी बांड राशि सरकार को देनी होगी।
- कोर्स अधूरा छोड़ना: अगर कोई उम्मीदवार कोर्स पूरा किए बिना संस्थान छोड़ देता है, तो उसे प्रति वर्ष ₹66 लाख (या उसका अनुपात) चुकाना होगा।
- स्वेच्छा से सेवा छोड़ना: सेवा शुरू करने के बाद अगर कोई उम्मीदवार 5 साल की बाध्यता पूरी करने से पहले ही इस्तीफा देता है, तो उसे ₹8 लाख प्रति अपूर्ण वर्ष के हिसाब से बांड राशि लौटानी होगी।
- मेडिकल कारणों से NSL: मेडिकल कारणों से NSL घोषित उम्मीदवारों को बांड राशि का 50% कोर्स के दौरान और बाकी 50% कोर्स पूरा करने के बाद चुकाना होगा।
- अनुशासनहीनता या कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन: ऐसे मामलों में भी पूरी बांड राशि चुकानी होगी और कोर्स आगे नहीं जारी करने दिया जाएगा।
- गर्भावस्था के कारण मेडिकल अनफिट: गर्भवती उम्मीदवारों को प्रसव के छह महीने बाद दोबारा मेडिकल बोर्ड से जांच करानी होगी। यदि वे फिट पाई जाती हैं, तो SSC ऑफर किया जाएगा, अन्यथा NSL मानकर जुर्माना वसूला जाएगा।
- डॉक्यूमेंट रिलीज: जब तक उम्मीदवार पूरी बांड राशि नहीं चुका देता, तब तक उसके मूल दस्तावेज वापस नहीं किए जाएंगे।
AFMS की सख्त चेतावनी
AFMS ने यह भी कहा कि यदि कोई उम्मीदवार झूठी जानकारी देता है, तो उसकी उम्मीदवारी किसी भी चरण में रद्द की जा सकती है। उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे Priority-V श्रेणी में काउंसलिंग से पहले अपनी मेडिकल फिटनेस सुनिश्चित कर लें। गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
AFMS में PG और MDS कोर्स के लिए दाखिला लेने वाले सिविलियन उम्मीदवारों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे न केवल शैक्षणिक योग्यता बल्कि सेवा और मेडिकल फिटनेस शर्तों को भी पूरा करें। जुर्माने की भारी राशि और कानूनी दायित्वों को देखते हुए यह फैसला सोच-समझकर लेना जरूरी होगा।
Discussion about this post