बिहार के बांका जिले में अवैध डिस्पेंसरी संचालन का मामला सामने आया है। जिला पदाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) अविनाश कुमार द्वारा राजौन प्रखंड के दो स्थानों पर जन वितरण प्रणाली (PDS) की दुकानों की जांच की गई। इस दौरान एक डीलर द्वारा अवैध मेडिकल डिस्पेंसरी चलाने का मामला उजागर हुआ।
जांच के बाद एसडीओ ने सिविल सर्जन (सीएस) को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। एसडीओ ने बताया कि ग्राम भदवा में जन वितरण प्रणाली विक्रेता योगेश ठाकुर की दुकान की जांच की गई। जब अधिकारी अपराह्न 1:00 बजे वहां पहुंचे, तो दुकान बंद पाई गई। बुलाने पर विक्रेता दुकान पर आए और जांच शुरू की गई।
PDS दुकान में अनियमितता
जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं:
- दुकान पर विभागीय फ्लेक्स प्रदर्शित नहीं था।
- सूचना पट्ट अद्यतन नहीं था।
- स्टॉक में दो बोरा गेहूं कम और एक बोरा चावल अधिक पाया गया।
- लाभुकों ने बताया कि दुकान अक्सर बंद रहती है और समय पर राशन नहीं मिलता।
- विक्रेता खुद दुकान न चलाकर मिर्जापुर में अवैध क्लिनिक संचालित कर रहे थे।
अवैध डिस्पेंसरी का भंडाफोड़
जांच टीम ने विक्रेता को बुलाकर मिर्जापुर स्थित उनके डिस्पेंसरी में ले जाया। जब उनकी किराए की दुकान खोली गई, तो पाया गया कि उस पर “मनिहार दुकान” का साइन बोर्ड था। अंदर कई प्रकार की चूड़ियां, बिंदियां और बड़ी मात्रा में दवाएं पाई गईं। बिना लाइसेंस के चिकित्सा कार्य किया जा रहा था, जिससे आम जनता की जान को खतरा हो सकता था।
एसडीओ ने सिविल सर्जन को अग्रेतर कार्रवाई के लिए सूचित किया। अनुमंडल पदाधिकारी और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रजौन ने बताया कि सूचना के आधार पर अवैध क्लिनिक को सील कर दिया गया है और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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दूसरी PDS दुकान की भी हुई जांच
राजावर में स्थित सच्चिदानंद सिंह की जन वितरण प्रणाली दुकान की भी औचक जांच की गई। इसमें भी कई अनियमितताएं पाई गईं:
- दुकान निर्धारित स्थल पर नहीं मिली।
- नए वर्ष के आंकड़े पुराने रजिस्टर में दर्ज थे।
- अप्रैल माह का खाद्यान्न प्राप्त किया गया था, लेकिन पॉस मशीन में दर्ज नहीं था।
- स्टॉक रजिस्टर में भी खाद्यान्न प्रविष्ट नहीं किया गया था।
- लाभुकों ने बताया कि उन्हें प्रत्येक यूनिट पर आधा किलो कम राशन दिया जाता है और कोई पर्ची नहीं दी जाती।
- विभागीय फ्लेक्स और ई-केवाईसी पंजी अद्यतन नहीं थे।
कड़ी कार्रवाई की तैयारी
इस मामले में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध क्लिनिक को सील कर दिया और विक्रेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जन वितरण प्रणाली के तहत लाभुकों को उनका अधिकार पूरा मिले और कोई भी अवैध गतिविधि संचालित न हो।
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