8000 More MBBS, PG Medical Seats: देश में इस शैक्षणिक सत्र में लगभग 8,000 एमबीबीएस और पीजी मेडिकल सीटें बढ़ने की संभावना है। यह जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के प्रमुख डॉ. अभिजीत सेठ ने दी। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण जारी है और इसी आधार पर सीटों की संख्या तय होगी।
वहीं, एनईईटी-यूजी काउंसलिंग का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरा चरण 25 अगस्त से शुरू होने वाला है।
सीबीआई जांच से धीमा हुआ था सीटों का अनुमोदन
कुछ समय पहले स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच शुरू होने के बाद सीटों के अनुमोदन की प्रक्रिया को रोक दिया गया था। इस जांच में 34 लोगों के नाम आए थे जिनमें 8 स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) का अधिकारी और एनएमसी की निरीक्षण टीम के 5 डॉक्टर शामिल थे।
डॉ. सेठ ने कहा कि सीबीआई जांच की वजह से कुछ समय के लिए यूजी सीटें कम हो सकती हैं, लेकिन निरीक्षण पूरा होते ही कुल सीटों की संख्या 8,000 या उससे अधिक बढ़ जाएगी।
मौजूदा सीटों का आंकड़ा
- यूजी सीटें (एमबीबीएस): 1,18,098
- सरकारी: 59,782
- निजी: 58,316
- पीजी सीटें: 53,960
- सरकारी: 30,029
- निजी: 23,931
डॉ. सेठ ने कहा कि पीजी सीटों के लिए भी निरीक्षण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सितंबर में पीजी काउंसलिंग के दौरान नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
यह भी पढ़ें: 180 करोड़ की धोखाधड़ी: फ़ार्मा कंपनी के CEO विक्की रमांचा पर लुकआउट सर्कुलर जारी
गुणवत्ता और संख्या दोनों पर जोर
2014 से अब तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इस पर चिंताओं को लेकर डॉ. सेठ ने कहा कि गुणवत्ता और संख्या दोनों महत्वपूर्ण हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बढ़ती संख्या से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो।
इसके लिए NMC ने मान्यता प्रक्रिया को सशक्त करने और फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और क्लीनिकल मैटीरियल जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर कड़ा ध्यान देने की घोषणा की है।
‘फिजिटल’ मॉडल और नवाचार पर फोकस
डॉ. सेठ ने बताया कि NMC ने ‘फिजिटल मॉडल’ शुरू किया है, जिसमें कौशल आधारित ट्रेनिंग, डिजिटल और ई-लर्निंग समाधान शामिल होंगे। इससे देशभर में मेडिकल शिक्षा में एकरूपता लाने में मदद मिलेगी।
साथ ही, सरकारी और निजी अस्पतालों के क्लीनिकल संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए एकीकरण की दिशा में भी काम किया जा रहा है ताकि मेडिकल छात्रों को पर्याप्त प्रैक्टिकल प्रशिक्षण मिल सके।
Discussion about this post