HC on Cough Syrup: फार्मा कंपनियों ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और ज़ुवेंटस हेल्थकेयर लिमिटेड को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
कोर्ट ने साफ कर दिया कि सरकार द्वारा जारी नई चेतावनी लेबल का आदेश केवल 15 अप्रैल 2025 के बाद तैयार किए गए कफ सिरप स्टॉक्स पर ही लागू होगा, पहले से निर्मित स्टॉक्स पर नहीं।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दोनों कंपनियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी वैधानिक प्रावधान या अधिसूचना तब तक पिछली तिथि से लागू नहीं मानी जाएगी जब तक उसमें स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख न किया गया हो।
क्या है मामला?
केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर Chlorpheniramine Maleate और Phenylephrine Hydrochloride युक्त दवाओं के लेबल, पैकेज इन्सर्ट और प्रचार सामग्री पर चेतावनी देना अनिवार्य कर दिया था कि यह फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
यह संयोजन अक्सर सर्दी और एलर्जी की दवाओं में उपयोग होता है। इससे प्रभावित प्रमुख ब्रांड्स में Ascoril Flu Drops और Alex के कुछ वेरिएंट्स शामिल हैं, जो Glenmark द्वारा बाजार में बेचे जाते हैं।
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HC on Cough Syrup: फार्मा कंपनियों की दलील
ग्लेनमार्क और ज़ुवेंटस ने तर्क दिया कि उन्हें अधिसूचना के भविष्यगत (prospective) अनुप्रयोग से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पहले से निर्मित स्टॉक्स पर नया नियम लागू करना अनुचित होगा।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि 15 अप्रैल 2025 के बाद बनाए जाने वाले सभी स्टॉक्स पर हम अनिवार्य रूप से नया लेबल लगाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले Union of India बनाम Pfizer Limited (2018) का हवाला देते हुए कहा कि बिना सुनवाई के ऐसा आदेश जारी करना उचित नहीं है।
HC on Cough Syrup: सरकार का पक्ष
सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि यह अधिसूचना Subject Expert Committee और Drugs Technical Advisory Board (DTAB) की सलाह के बाद, बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। सुनवाई के दौरान, सरकारी वकील ने स्पष्ट किया कि यह अधिसूचना पिछली तिथि से लागू नहीं होगी।
HC on Cough Syrup: कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि:
- अधिसूचना का कोई पिछला (retrospective) प्रभाव नहीं होगा।
- फार्मा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 15 अप्रैल 2025 के बाद बने हर नए स्टॉक पर निर्धारित चेतावनी लेबल हो।
- कंपनियों को दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों (एक हिंदी और एक अंग्रेजी) में स्पष्ट सूचना प्रकाशित करनी होगी।
- डॉक्टरों, रिटेलर्स और केमिस्ट्स को भी एडवाइजरी जारी कर बताना होगा कि इस फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन को 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाए।
- एक सप्ताह के भीतर सूचना और एडवाइजरी जारी करनी होगी।
- दो सप्ताह में कंपनियों को अदालत में शपथ-पत्र दाखिल कर स्टॉक्स की जानकारी और विज्ञापन की प्रतियां जमा करनी होंगी।
बड़ी राहत: कार्रवाई नहीं होगी
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कंपनियां उपरोक्त शर्तों का पालन करती हैं तो उनके पुराने स्टॉक्स पर Drugs and Cosmetics Act की धारा 28B के तहत कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। अब यह मामला 19 मई 2025 को अनुपालन रिपोर्ट के लिए फिर से सुना जाएगा।
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