Trembling of hands & legs: हमने अक्सर देखा है कि बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या सामान्य होती है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिलें, तो लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल उठते हैं।
मसलन, कम उम्र के किसी युवक का शरीर कैसे कांप सकता है? आखिर उसे कौन सी बीमारी है? इससे कैसे छुटकारा पाएं? इन्हीं सवालों का जवाब आज हम आपको पाने इस आर्टिक्ल में दे रहे हैं।
हाथ-पैर कांपने कारण (Reasons for Trembling of hands & legs)
जेनेटिक कंडिशन
विशेषज्ञों की मानें तो आमतौर पर बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या एसेंशियल ट्रेमर की वजह से देखने को मिलती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ काफी देर तक स्थिर होता है। यह अक्सर एक्टिविटी पर आधारित होता है, लेकिन कई बार जेनेटिक भी हो सकता है। जब परिवार में किसी सदस्य को इस तरह की समस्या होती है, तो युवावस्था में भी इस तरह की समस्या हो जाती है। ऐसे लोगों में हाथ-पैरों में कंपन चीजें पकड़ने या काम करने के दौरान होती हैं।
एक जेनेटिक कंडिशन होती है, जिसे स्पाइनल सेरेबेलर एटैक्सिया कहा जाता है। इसमें भी जवानी में ही हाथों और पैरों में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में जब आगे चलकर यह बीमारी बढ़ जाती है, तो उन्हें अपना संतुलन स्थापित करने में भी दिक्कत होती है।
थायरॉइड में भी होती है हाथ-पैर कांपने की समस्या
इसके अलावा हायपरथायरॉइडिज्म की स्थिति में भी युवाओं में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। अगर हमारे शरीर में काफी मात्रा में थायरॉइड बनना शुरू हो जाए, तब भी कंपन की समस्या पैदा हो सकती है। अगर इस तरह की स्थिति किसी युवा व्यक्ति में देखने को मिल रही है, तो उन्हें फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर यह स्थिति गंभीर हो जाती है।
नशा छोड़ने पर भी करना पड़ता है सामना
कई बार अचानक नशा छोड़ने पर विथड्रॉअल सिंड्रोम देखने को मिलते हैं। इस स्थिति में भी उनके शरीर में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। लेकिन, यह कंपन उन लोगों से काफी अलग होती है, जो नशा नहीं कर रहे होते हैं। इन मरीजों में काफी ज्यादा एंग्जाइटी होती है। ऐसी स्थिति में अगर व्यक्ति खुद को नशे से दूर रखें, तो उसमें इस तरह की समस्या नहीं मिलेगी और उसके कंपन की समस्या खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी।
हाथ-पैर कांपने से बचने का उपाय- (Remedies for trembling of hands & legs)
कंपन से बचने का सबसे सरल उपाय योग और व्यायाम है। अगर आप यह रोजाना करेंगे, तो निश्चित तौर पर आपको काफी हद तक अपने शरीर में सकारात्मक परिवर्तन महसूस होगा।
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