LNJP: दिल्ली का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल, हाल ही में दिल्ली फायर सर्विस (DFS) की एक जांच में गंभीर अग्नि सुरक्षा मानकों के उल्लंघन में पाया गया। इसके चलते अस्पताल को अनिवार्य अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (Fire Safety Certificate) का नवीनीकरण देने से इनकार कर दिया गया है।
यह निरीक्षण 25 और 26 मार्च को लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया था। जांच में सामने आया कि अस्पताल की कई इमारतों में आपातकालीन सीढ़ियां अवरुद्ध थीं, फायर फाइटिंग उपकरण या तो अनुपस्थित थे या काम नहीं कर रहे थे, और स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम भी काम नहीं कर रहे थे।
गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, ऐसे में इन चूकों ने अस्पताल के मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जांच में सामने आई बड़ी खामियां:
जांच में सामने आई बड़ी खामियां:
- अवरोधित आपातकालीन मार्ग: कैजुअल्टी ओपीडी और सर्जिकल ब्लॉक में आवश्यक छह मीटर चौड़ी सड़क अचिह्नित या अवरुद्ध पाई गई।
- अपर्याप्त फायर फाइटिंग उपकरण: हाइड्रेंट बॉक्स से पाइप गायब मिले, और कई स्थानों पर निकास संकेतक अपर्याप्त थे।
- अस्थायी रूप से बंद सिस्टम: कुछ हिस्सों में नवीनीकरण कार्य के कारण फायर फाइटिंग सिस्टम अस्थायी रूप से बंद थे।
- स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम की विफलता: एमआरडी बेसमेंट में स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम कार्यशील नहीं था, और ढीले बिजली के तार एक अतिरिक्त खतरे का कारण थे।
- ब्लॉक के चारों ओर अतिक्रमण: ऑर्थो ब्लॉक के चारों ओर छह मीटर की सड़क पर वाहनों, शेड और पेड़ों की शाखाओं द्वारा अतिक्रमण पाया गया।
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एक PWD अधिकारी ने TNIE से बात करते हुए कहा, “हमें बताया गया कि कई फ्लोर पर मरम्मत कार्य चल रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बुनियादी अग्नि सुरक्षा तैयारियां ही न की जाएं।”
अस्पताल को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट देने से इनकार
इन सभी खामियों के मद्देनज़र, दिल्ली फायर सर्विस ने LNJP अस्पताल का फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया है। DFS का कहना है कि जब तक सभी सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन नहीं किया जाता, तब तक मंजूरी नहीं दी जा सकती।
LNJP अस्पताल, जो रोज़ाना 5,000 से अधिक मरीजों को सेवा देता है, दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ है। ऐसे में इसमें अग्नि सुरक्षा मानकों की अनदेखी गंभीर चिंता का विषय है।
पिछले हादसे से नहीं सीखा सबक?
गौरतलब है कि पिछले साल दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में लगी आग में सात नवजातों की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे। जांच में सामने आया था कि उस अस्पताल के पास फायर डिपार्टमेंट से NOC तक नहीं थी।
अस्पताल में फायर सेफ्टी मानकों की गंभीर चूकें अस्पताल के मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं। दिल्ली फायर सर्विस द्वारा की गई जांच में कई महत्वपूर्ण खामियां पाई गईं, जिनमें आपातकालीन निकासी मार्गों का अवरुद्ध होना, फायर फाइटिंग उपकरणों की अनुपस्थिति, और स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम का काम न करना शामिल हैं। अस्पताल को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का नवीनीकरण देने से इनकार कर दिया गया है, जब तक ये खामियां पूरी तरह से ठीक नहीं की जातीं। यह घटना यह साबित करती है कि पिछले हादसों से कोई सिख नहीं लिया गया है, और अग्नि सुरक्षा के महत्व को नज़रअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है। इन खामियों को सुधारने में तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित हादसे से बचा जा सके।
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