भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन में पाया गया है कि नदी-नालों के पास रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक होता है। अध्ययन में भारी धातुओं की सांद्रता को अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया, जिससे गैर-कैंसरजन्य जोखिम भी बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद में बताया कि ICMR के 2024 के अध्ययन के अनुसार, नदी-नालों के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए कैंसर का खतरा बढ़ गया है। इस अध्ययन में विशेष रूप से सीसा, लोहा और एल्युमीनियम की मात्रा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर इमरजेंसी मेडिसिन में क्लिनिकल प्रैक्टिस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले ने कहा कि अपशिष्ट जल विश्लेषण अब नागरिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान भी इसके महत्व को रेखांकित किया।
घग्गर नदी पर ICMR का अध्ययन
अध्ययन का उद्देश्य
ICMR ने पंजाब की मौसमी नदी घग्गर की जल गुणवत्ता पर एक अध्ययन किया। इसका उद्देश्य नदी में भारी धातुओं के प्रदूषण स्तर और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों का आकलन करना था। अध्ययन के तहत तीन स्थलों सरहिंद चो, बड़ी नदी और ढाकांशु नाले से पानी के नमूने लिए गए। ये स्थल पंजाब के जल निकासी नेटवर्क का हिस्सा हैं और कृषि, घरेलू तथा औद्योगिक क्षेत्रों से अपशिष्ट जल प्राप्त करते हैं। नमूने अक्टूबर 2017 से जुलाई 2018 तक एकत्र किए गए थे।
अध्ययन में पाए गए भारी धातु
नमूनों में सीसा, कैडमियम, लोहा, एल्युमीनियम और निकल जैसी भारी धातुएं पाई गईं, जिनकी सांद्रता CPCB और EPA (पर्यावरण संरक्षण एजेंसी) द्वारा निर्धारित अनुमेय सीमाओं से अधिक थी।
प्रदूषण स्तर और मौसमी प्रभाव
अध्ययन में पाया गया कि लोहे की सांद्रता सबसे अधिक थी। भारी धातुओं की सांद्रता में मौसमी परिवर्तन भी देखे गए, जिसमें मानसून के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा।
प्रदूषण मापन सूचकांक
- Heavy Metal Pollution Index (HPI)
- Heavy Metal Evaluation Index (HEI)
इन सूचकांकों से अध्ययन क्षेत्र में उच्च स्तर के प्रदूषण की पुष्टि हुई।
नदी किनारे रहने वालों के लिए स्वास्थ्य जोखिम
अध्ययन के निष्कर्षों ने संकेत दिया कि घग्गर नदी के किनारे रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
निवारक उपाय और सिफारिशें
- अध्ययन ने निम्नलिखित उपायों की सिफारिश की:
- नदी जल की नियमित निगरानी
- जल स्रोतों से भारी धातुओं को हटाने की आवश्यकता
- जनसंख्या-स्तरीय स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियान
निष्कर्ष
ICMR का यह अध्ययन घग्गर नदी में भारी धातु प्रदूषण और उससे जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर प्रकाश डालता है। अध्ययन ने प्रदूषण को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय लागू करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया
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