PGI Chandigarh: पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ एक बार फिर विवादों में आ गया है। अनुसूचित जाति कर्मचारियों के साथ कथित भेदभाव और उत्पीड़न के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने संस्थान को नोटिस जारी किया है।
आयोग को 21 फरवरी 2025 को एक डॉक्टर से शिकायत प्राप्त हुई थी। इसी शिकायत के आधार पर 4 सितंबर को आयोग ने संस्थान को औपचारिक नोटिस भेजा।
15 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट
नोटिस में PGIMER प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि आरोपों और अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा 15 दिनों के भीतर आयोग को सौंपे। आयोग ने साफ कहा है कि समय पर जवाब न मिलने की स्थिति में वह सिविल कोर्ट जैसी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
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संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत कार्रवाई
आयोग ने स्पष्ट किया कि यह जांच/पड़ताल संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत की जा रही है। इस अनुच्छेद के तहत आयोग को सिविल कोर्ट जैसी शक्तियां प्राप्त हैं, जिनमें सम्मन जारी कर व्यक्तिगत या प्रतिनिधि की उपस्थिति सुनिश्चित कराना भी शामिल है।
डॉक्टर संगठन की प्रतिक्रिया
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) के चेयरमैन और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल ने इस नोटिस को ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा कि PGIMER चंडीगढ़ पर सवाल! अनुसूचित जाति आयोग ने भेदभाव और उत्पीड़न के आरोपों पर नोटिस जारी किया। 15 दिन में जवाब दो वरना आयोग करेगा सिविल कोर्ट जैसी कार्रवाई। भारत में भेदभाव की कोई जगह नहीं।
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