अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली ने रेजिडेंट डॉक्टरों के ड्यूटी/कार्य घंटे को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। 21 अगस्त 2025 को जारी इस ऑफिस मेमोरेंडम (OM) के अनुसार, रेजिडेंट डॉक्टरों को सप्ताह में एक दिन रोटेशन के आधार पर अवकाश मिलेगा और उनकी ड्यूटी सामान्यतः 12 घंटे प्रति दिन से अधिक नहीं होगी।
AIIMS ने इस OM को 3 अक्टूबर 2017 और 6 अक्टूबर 2020 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम के बाद जारी किया है। इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों की ड्यूटी/वर्किंग ऑवर्स को दोबारा स्पष्ट किया गया है।
ड्यूटी घंटे और नियम
AIIMS ने सरकार के रेजिडेंसी स्कीम के अंतर्गत निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- रेजिडेंट डॉक्टरों की लगातार सक्रिय ड्यूटी सामान्यतः 12 घंटे से अधिक नहीं होगी। काम की जरूरतों के अनुसार, डॉक्टरों को सप्ताह में एक दिन रोटेशन के आधार पर अवकाश मिलेगा। ऑन-कॉल ड्यूटी भी अधिकतम 12 घंटे तक होगी।
- जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर सामान्यतः 48 घंटे प्रति सप्ताह काम करेंगे और एक बार में 12 घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं करेंगे। हालांकि, ड्यूटी घंटे लचीले होंगे, और यह कार्यभार तथा डॉक्टरों की उपलब्धता के अनुसार तय किए जाएंगे।
विभागाध्यक्षों को निर्देश
AIIMS ने सभी सेंटर के चीफ्स (CoCs) और विभागाध्यक्षों (HoDs) को निर्देश दिया है कि वे गाइडलाइन्स का पालन करें और रेजिडेंट डॉक्टरों के ड्यूटी घंटे का रिकॉर्ड रखें। ये आँकड़े अकादमिक सेक्शन को आवश्यकतानुसार साझा किए जाएंगे।
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UDF की PIL के बाद कार्रवाई
ये निर्देश यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर PIL के बाद जारी किए गए हैं। डॉक्टरों ने देशभर में “रेजिडेंट डॉक्टरों पर अमानवीय कार्य घंटे” लगाए जाने को चुनौती दी थी। वकील सत्यम सिंह और नीमा ने अदालत से मंत्रालय के 1992 के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की मांग की थी, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टरों के ड्यूटी घंटे 12 घंटे प्रति दिन और 48 घंटे प्रति सप्ताह निर्धारित हैं।
अन्य संस्थानों में उल्लंघन की रिपोर्ट
UDF ने पहले AIIMS भुवनेश्वर, बिबिनगर और AFMC पुणे में ड्यूटी घंटे के नियमों के उल्लंघन की शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और DGHS से मामले की जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
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