NRI Patients Return India FY25: वो दौर अब पीछे छूटता जा रहा है जब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भारतीयों की पहली पसंद अमेरिका, यूके या सिंगापुर जैसे देश हुआ करते थे।
अब एक नई सोच और प्रवृत्ति उभरकर सामने आ रही है। विदेशों में बसे भारतीय, यानी NRI, इलाज के लिए भारत का रुख कर रहे हैं। हेल्थ सेक्टर में भारत की प्रगति ने दुनिया भर के मरीजों को आकर्षित करना शुरू कर दिया है।
पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट ने खोले नए आंकड़े
हाल ही में आई पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में इलाज कराने वाले NRI मरीजों की संख्या में 150% की रिकॉर्डतोड़ वृद्धि देखी गई है। यह आंकड़ा भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में हुए गुणात्मक सुधार और वैश्विक स्तर पर उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
क्यों लौट रहे NRI भारत?
NRI अब अमेरिका, यूके, कनाडा जैसे विकसित देशों की जगह भारत में इलाज को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:
- कम लागत: अमेरिका में जहां एक हार्ट सर्जरी पर 60 लाख से 1 करोड़ रुपये तक खर्च होते हैं, वहीं भारत में यह महज 4 से 7 लाख रुपये में संभव है।
- उच्च गुणवत्ता: भारत के अस्पतालों में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की सुविधाएं और विश्वस्तरीय डॉक्टर उपलब्ध हैं, जिनमें से कई विदेश से प्रशिक्षित हैं।
- कम प्रतीक्षा समय: विदेशों में जहां इलाज के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है, भारत में अपॉइंटमेंट जल्दी मिल जाता है।
- वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां: एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद, योग और नैचुरोपैथी की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो विदेशों में रहने वालों को विशेष रूप से आकर्षित करती हैं।
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किन बीमारियों के लिए भारत आ रहे हैं एनआरआई?
रिपोर्ट के मुताबिक, NRI सबसे अधिक इन इलाजों के लिए भारत का रुख कर रहे हैं:
- कार्डियोलॉजी (दिल संबंधी रोग)
- ऑर्थोपेडिक (हड्डी व जोड़ रोग)
- IVF व इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट
- डेंटल केयर
- कैंसर ट्रीटमेंट
- कॉस्मेटिक व स्किन ट्रीटमेंट
इलाज के प्रमुख गंतव्य शहर:
भारत के ये शहर NRI मरीजों के लिए टॉप चॉइस बनकर उभरे हैं:
- दिल्ली-NCR
- मुंबई
- बेंगलुरु
- चेन्नई
- हैदराबाद
आंकड़े भी कर रहे हैं पुष्टि
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि महिला एनआरआई मरीजों की संख्या में 125% की वृद्धि हुई है। वहीं, 35 वर्ष से कम आयु के प्रवासी मरीजों की संख्या में 148% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
यह दर्शाता है कि भारत की हेल्थकेयर सिर्फ वृद्धों के लिए नहीं, बल्कि युवा और स्वास्थ्य के प्रति सजग प्रवासी महिलाओं के बीच भी लोकप्रिय हो रही है।
मेडिकल टूरिज्म को भी मिला बढ़ावा
इलाज के साथ-साथ विदेशी मरीज भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा भी कर रहे हैं, जिससे मेडिकल टूरिज्म को जबरदस्त गति मिली है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है।
भारत की ओर बढ़ता वैश्विक भरोसा
भारत अब सिर्फ IT और शिक्षा में ही नहीं, हेल्थकेयर के क्षेत्र में भी ग्लोबल लीडरशिप की दिशा में बढ़ रहा है। सस्ती, गुणवत्ता से भरपूर, और समयबद्ध स्वास्थ्य सेवाएं भारत को मेडिकल ट्रीटमेंट का ग्लोबल डेस्टिनेशन बना रही हैं।
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