Anakapalli Pharma Blast: आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली स्थित एससिएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (Escientia Advanced Sciences Pvt. Ltd.) फार्मा प्लांट में हुए घातक विस्फोट के बाद, केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया कि पूर्व में किए गए सुरक्षा ऑडिट के बावजूद फैक्ट्री में कई गंभीर सुरक्षा खामियां पाई गईं।
साथ ही यह भी बताया गया कि कंपनी (Anakapalli Pharma Blast) ने मृतक व घायल कर्मचारियों के परिजनों को कुल 32 करोड़ रुपये मुआवजा राशि का भुगतान किया है।
यह जानकारी राज्यसभा में भाजपा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में दी।
मंत्री ने बताया, “आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि कंपनी प्रबंधन ने 17 मृतक कर्मचारियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये, गंभीर रूप से घायल 21 कर्मचारियों को 50-50 लाख रुपये तथा मामूली रूप से घायल 18 कर्मचारियों को 25-25 लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान किया है।”
पूर्व ऑडिट रिपोर्ट में दिखाई गई 93.5% सुरक्षा अनुपालन
मंत्री ने यह भी बताया कि कंपनी (Anakapalli Pharma Blast) में 2021 और 2022 में सुरक्षा ऑडिट किए गए थे। साथ ही 10 नवंबर 2023, 31 जनवरी 2024 और 30 अप्रैल 2024 को की गई निरीक्षण रिपोर्टों के आधार पर कंपनी ने 93.5% सुरक्षा अनुपालन का दावा किया था। इसके अलावा कंपनी ने छह मॉक आपातकालीन अभ्यास और छह सुरक्षा समिति की बैठकें भी आयोजित की थीं जिनमें कर्मचारियों की भागीदारी रही थी।
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Anakapalli Pharma Blast: विस्फोट के बाद सामने आईं गंभीर खामियां
हालांकि, घटना (Anakapalli Pharma Blast) के बाद की गई जांच में कई गंभीर कमियां उजागर हुईं। मंत्री के अनुसार, “पिछले सुरक्षा ऑडिट्स/HAZOP अध्ययन की सिफारिशों के क्रियान्वयन में निम्नलिखित कमियां पाई गईं:
- संयंत्र और उपकरणों की स्थिति की पर्याप्त निगरानी नहीं की गई
- जोखिम आकलन में कमी
- मानक संचालन प्रक्रियाओं की कमी
- आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना का अभाव
- वेंटिलेशन सिस्टम में सुधार की आवश्यकता
- अग्नि सुरक्षा प्रणाली की अपर्याप्तता”
पर्यावरण मंत्रालय ने भी बताई कानूनी जिम्मेदारियां
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने स्पष्ट किया कि यह यूनिट ‘खतरनाक रसायनों के निर्माण, भंडारण और आयात नियम, 1989’ के अंतर्गत आती है। मंत्रालय ने कहा, “प्रमुख दुर्घटना संभावित (MAH) इकाइयों के लिए यह आवश्यक है कि वे सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट और ऑनसाइट इमरजेंसी प्लान तैयार करें और संबंधित प्राधिकरणों को जमा करें। वहीं ऑफ-साइट इमरजेंसी प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी संबंधित प्रशासन की होती है।”
राज्य सरकार ने नियमों का हवाला दिया
आंध्र प्रदेश सरकार ने भी कहा कि यह इकाई ‘आंध्र प्रदेश फैक्ट्री नियम, 1950’ के नियम 97 के तहत आती है, और फार्मा इकाइयों के लिए उपकरण एवं प्रक्रिया सुरक्षा से संबंधित नियम 61-I, 61-O आदि लागू होते हैं।
जांच की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं
फिलहाल मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस घटना के बाद कंपनी के खिलाफ कोई जांच या प्रवर्तन कार्रवाई जारी है या नहीं।
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