UP Health Budget: यूपी वालों को बेहतर और सस्ती मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं और इंफ्रास्क्ट्रचर में बड़ा बदलाव हुआ।
बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण (UP Health Budget) में इसका योगी सरकार की मेडिकल क्षेत्र में उन्नति जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को बीमारू प्रदेश कहा जाता था, लेकिन योगी सरकार में प्रदेशवासी बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज में बढ़ेगी 1500 सीटें
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-2026 में यूजी और पीजी के लिए 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इसके लिए लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। साल 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थीं, जिसे शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में बढ़ाकर 250 की गई हैं। बलिया और बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए क्रमशः 27 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5.13 करोड़ लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनाए हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले पायदान पर है। वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में बेहतर किया जा रहा है। वर्तमान में 22,681 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं। जुलाई 2020 से उप केंद्रो से टेलीकन्सलटेशन की शुरुआत कर ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बजट के दौरान मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीपीपी मोड पर निःशुल्क डायलिसिस, सीटी स्कैन जैसी सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।
80 मेडिकल कॉलेजों से निकल रहे बेहतर डॉक्टर्स
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने कोविड महामारी के दौरान जिस कुशलता से इसका सामना किया, दुनियाभर में उसकी प्रशंसा की गई। आज प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं का प्रसार जिस प्रकार से हुआ है और लगातार हो रहा है, वह अदभुत है। उन्होंने कहा कि 8 साल पहले हर साल प्रदेश के कई क्षेत्रों में संक्रमक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थाएं आम लोगों तक उपलब्ध नहीं थीं, मगर आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं, जबकि 36 निजी क्षेत्र में हैं।
मंत्री खन्ना ने कहा, प्रदेश में 2 एम्स एवं आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं। साल 2024-2025 में 13 मेडिकल कॉलेज एवं पीपीपी मोड पर 3 जिलों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नए मेडिकल कॉलेज बनवाए गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों/अस्पताल/ विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की 11,800 सीटें तथा पीजी की 3971 सीटें उपलब्ध हैं। इन कॉलेजों से आज बेहतर डॉक्टर्स निकल रहे हैं।
2,110 आयुर्वेदिक और 1585 होम्योपैथिक अस्पतालों का हो रहा संचालन
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 2,110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक अस्पतालों के साथ 8 आयुर्वेदिक कॉलेज व उनसे संबद्ध अस्पताल, 2 यूनानी कॉलेज व उनसे संबद्ध अस्पताल और 9 होम्योपैथिक कॉलेज व उनसे संबद्ध अस्पताल संचालित हैं।
अपने बजट भाषण के अंत में भविष्य की योजनाओं पर वित्त मंत्री ने कहा, साल 2025-2026 में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराना लक्षित है।
Discussion about this post