Panchgavya: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भारत की पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ‘पंचगव्य’ से आयुर्वेदिक उत्पादों के उत्पादन की एक अनोखी योजना शुरू की है।
‘पंचगव्य’ (Panchgavya) योजना के तहत गौमूत्र का इस्तेमाल औषधीय निर्माण के लिए किया जाएगा, जो मधुमेह, हृदय रोग, गठिया, त्वचा रोग, अस्थमा, साइनस और एनीमिया सहित कुल 19 बीमारियों के इलाज में लाभकारी सिद्ध होगा।
क्या है Panchgavya?
पंचगव्य, गाय से प्राप्त पाँच उत्पादों, यानी दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर का एक जैविक मिश्रण है। आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है और अब सूबे की योगी सरकार ने इसे चिकित्सा प्रणाली में शामिल करने की औपचारिक घोषणा कर दी है।
आयुर्वेदिक उत्पाद होंगे बड़े पैमाने पर उत्पादित
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, टूथपेस्ट, मलहम और अन्य औषधीय उत्पादों को अब बड़े पैमाने पर बनाया जाएगा। साथ ही उन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में शामिल भी किया जाएगा।
रोजगार और गोशालाओं को मिलेगा बढ़ावा
सरकारी बयान के अनुसार, ‘पंचगव्य’ योजना से न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि गोशालाओं की उपयोगिता भी बढ़ेगी और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली भी पुनर्जीवित होगी।
यह भी पढ़ें: NPPA ने 71 दवा फार्मुलेशनों की कीमत तय की, डायबिटीज और कई प्रमुख दवाएं हुईं सस्ती
वैज्ञानिक विधियों से बनेगी औषधियां
उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष विभाग के सहयोग और वैज्ञानिकों की मौजूदगी में पंचगव्य (Panchgavya) आधारित औषधियों का निर्माण किया जा रहा है। आधुनिक तकनीकियों की मदद से इन दवाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाएगी ताकि ये स्वास्थ्य प्रणाली में व्यापक रूप से स्वीकार्य बन सकें।
सरकार का मानना है कि जैसे-जैसे पंचगव्य (Panchgavya) उत्पादों की मांग बढ़ेगी, वैसे-वैसे गोशालाओं की महत्ता भी बढ़ेगी, जिससे यह योजना समग्र स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
राज्य में संचालित अन्य स्वास्थ्य पहलें
गौरतलब है कि हाल ही में शुरू हुई बरसाती मौसम में संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए विशेष संक्रामण नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान और स्टॉप डायरिया जैसी मुहिम के साथ भी सरकार सक्रिय है।
Discussion about this post