CGHS Meerut: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार शाम रिश्वतखोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीजीएचएस मेरठ के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और एक निजी व्यक्ति रईस अहमद को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
टीम ने सूरजकुंड स्थित स्वास्थ्य भवन में छापा मारकर पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए तीनों को पकड़ा। देर रात तक सीबीआई की जांच जारी रही।
सीबीआई ने यह कार्रवाई एक निजी अस्पताल की शिकायत के बाद की। शिकायतकर्ता ने बताया कि मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में कई अस्पताल संचालित होते हैं। 8 जुलाई को CGHS मेरठ की टीम ने दो अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर कमियां बताई और नोटिस जारी किया।
आरोप है कि अधिकारियों ने पैनल से अस्पताल (CGHS Meerut) को न हटाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। बातचीत के बाद आरोपी एडिशनल डायरेक्टर ने पहली किस्त के रूप में पांच लाख रुपये लेने पर सहमति जताई।
सीबीआई का जाल और रंगे हाथ गिरफ्तारी
सीबीआई ने अस्पताल संचालक के साथ योजना बनाकर जाल बिछाया। मंगलवार को जैसे ही अस्पताल संचालक रंग लगे पांच लाख रुपये लेकर सीजीएचएस कार्यालय (CGHS Meerut) पहुंचा, सीबीआई ने धावा बोल दिया और तीनों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया।
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पैनल में शामिल अस्पतालों का ‘बड़ा खेल’
सूत्रों के अनुसार, मेरठ ही नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में सीजीएचएस के पैनल में अस्पतालों को शामिल करने और बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी होती है। कई अस्पतालों का संचालन सीजीएचएस मानकों के विपरीत होने के बावजूद अधिकारियों की साठगांठ से उन्हें पैनल में बनाए रखा जाता है।
अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई टीम ने शहर की दो अन्य डिस्पेंसरी और एडिशनल डायरेक्टर के पल्लवपुरम स्थित घर पर भी छापेमारी की। इस दौरान कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए। छापेमारी के समय बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित रखा गया।
दिल्ली तक फैला नेटवर्क
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह रिश्वतखोरी का नेटवर्क दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में सक्रिय है। पहले भी ऐसे मामलों में सीबीआई दस्तावेज जब्त कर कार्रवाई कर चुकी है। पूर्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 अस्पतालों को पैनल से हटाया था, लेकिन कुछ को बैक डोर से फिर शामिल कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई की जांच टीम अब इस मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों और अस्पतालों (CGHS Meerut) की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।
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