TDB, S3V Vascular Technologies: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की तकनीकी विकास बोर्ड (TDB) ने मैसूर की कंपनी M/s S3V Vascular Technologies Limited को एक्यूट इस्कीमिक स्ट्रोक के इलाज के लिए मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी किट बनाने की परियोजना के लिए आर्थिक मदद दी है। यह पहल भारत में स्ट्रोक इलाज को स्वदेशी तकनीक से सशक्त बनाने का बड़ा कदम है।
इस परियोजना के तहत चेन्नई के मेडिकल डिवाइस पार्क, ओरगडम, श्रीपेरुम्बुदुर में एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित की जाएगी, जहां उच्च गुणवत्ता वाली मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी किट विकसित और निर्मित की जाएंगी। ये किट बड़े रक्त वाहिकाओं के अवरोध से होने वाले स्ट्रोक के मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित होंगी।
थ्रोम्बेक्टोमी बनाम पारंपरिक थ्रोम्बोलिसिस
थ्रोम्बेक्टोमी पारंपरिक थ्रोम्बोलिसिस की तुलना में बेहतर परिणाम देती है, जिससे मरीज के लंबे समय तक पक्षाघात या विकलांग होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इस तकनीक से “पैरालिसिस और रिकवरी” के बीच फर्क आता है।
पहली बार भारत में पूर्ण न्यूरो-इंटरवेंशन उपकरणों का निर्माण
S3V Vascular Technologies भारत की पहली कंपनी होगी जो माइक्रोकैथेटर, एस्पिरेशन कैथेटर, गाइडवायर और स्टेंट रिट्रीवर सिस्टम जैसे न्यूरो-इंटरवेंशन उपकरणों का पूरी तरह से देश में डिजाइन और निर्माण करेगी। कंपनी कई नवाचारों के लिए पेटेंट भी दायर करेगी।
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स्वदेशी उपकरण से इलाज होगा किफायती और सुलभ
महंगे आयातित उपकरणों की जगह उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी उपकरण उपलब्ध कराने से स्ट्रोक इलाज की लागत कम होगी और अधिक मरीजों तक सुविधा पहुंचेगी। S3V कंपनी इन उपकरणों को आयुष्मान भारत जैसे सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल करने का भी प्रयास कर रही है।
शिक्षा और प्रशिक्षण भी होगा विस्तार
कंपनी टियर-2 शहरों के युवा न्यूरो-इंटरवेंशनल डॉक्टरों के लिए सिम्युलेटर आधारित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगी, जहां स्ट्रोक का बोझ ज्यादा है। इससे बेहतर विशेषज्ञता विकसित होगी।
TDB की प्रशंसा और समर्थन
TDB के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा कि यह परियोजना भारत को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली मेडिकल टेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगी। स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के लिए स्वदेशी समाधान विकसित करना उनकी प्राथमिकता है।
S3V Vascular Technologies की वैश्विक योजना
डॉ. एन.जी. विजया गोपाल ने बताया कि कंपनी ने CE और USFDA अनुमोदन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे उनका उत्पाद भारत, एशिया, यूरोप, अमेरिका और लैटिन अमेरिका में उपलब्ध होगा। उनका लक्ष्य पूरी तरह भारत में डिज़ाइन, इंजीनियर और निर्मित विश्वस्तरीय उपकरण तैयार करना है।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और जीवन रक्षा का मौका
यह पहल भारत के स्ट्रोक रोगियों के लिए बेहतर इलाज के साथ नई उम्मीद लेकर आई है, जो जीवन बचाने और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगी।
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