Robotic Precision: दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ने एक 36 वर्षीय महिला पर दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर हटाकर चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
18.2 x 13.5 सेंटीमीटर आकार के इस विशालकाय ट्यूमर को रोबोटिक सर्जरी के जरिए सफलतापूर्वक निकाला गया, जो अब तक का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर माना जा रहा है जिसे रोबोट द्वारा हटाया गया हो।
Robotic Precision से संभव हुआ असंभव
इस जटिल सर्जरी को यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेवा ने अपनी टीम, डॉ. नीरज कुमार और डॉ. अविषेक मंडल के साथ मिलकर अंजाम दिया। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुशील, डॉ. भव्या और डॉ. मेघा शामिल थे।
डॉ. वासुदेवा ने बताया कि यह ट्यूमर न केवल बड़ा था, बल्कि इंफीरियर वेना कावा, लिवर और राइट किडनी जैसे अहम अंगों से चिपका हुआ था। रोबोटिक तकनीक दा विंची रोबोट की 3डी विजन की मदद से हमने इसे सुरक्षित तरीके से निकाला, जो पारंपरिक लैप्रोस्कोपी से संभव नहीं था।
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सिर्फ 3 दिन में हुई मरीज की छुट्टी
यह सर्जरी तीन घंटे से अधिक चली, लेकिन मरीज को किसी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा। सर्जरी के मात्र तीन दिन बाद ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
क्यों खास है रोबोटिक सर्जरी?
डॉ. वासुदेवा के अनुसार, रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं:
- छोटे कीहोल चीरे
- कम दर्द
- अधिक सटीकता
- तेजी से रिकवरी
- काम पर जल्दी लौटने की सुविधा
अगर यह सर्जरी ओपन पद्धति से की जाती, तो मरीज की स्किन पर 20 सेंटीमीटर से अधिक का चीरा लगाना पड़ता और ठीक होने में कई हफ्ते लग सकते थे।
लाखों की सर्जरी, सफदरजंग में मुफ्त
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संदीप बंसल ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल हमारे अस्पताल की रोबोटिक सर्जरी में विशेषज्ञता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाण है कि सफदरजंग अस्पताल सभी मरीजों को मुफ्त और अत्याधुनिक इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस सर्जरी पर प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च होते, वह यहाँ बिना किसी शुल्क के की गई है।
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