AIIMS Delhi: भारत की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। नीति आयोग जल्द ही एम्स दिल्ली के व्यापक पुनर्गठन और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में इसके क्लिनिकल सेवाओं के विस्तार की सिफारिश कर सकता है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य मौजूदा बुनियादी ढांचे पर बोझ को कम करना और डॉक्टरों को चिकित्सा अनुसंधान के लिए समय उपलब्ध कराना है। इस पुनर्गठन से गैर-गंभीर रोगियों के लिए लंबी प्रतीक्षा सूची घटेगी और इलाज की प्रक्रिया आसान होगी।
वर्तमान में एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 7,200 मरीज इलाज के लिए आते हैं, जबकि आपातकालीन विभाग में 400–500 आपात मामलों का उपचार किया जाता है। यह संख्या संस्थान पर अत्यधिक दबाव डालती है।
नीति आयोग समिति कर रही समीक्षा
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में एक समिति वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर रही है और एक व्यापक सुधार योजना तैयार कर रही है। यह ब्लूप्रिंट स्पष्ट समयसीमा और क्रियान्वयन योग्य कदमों के साथ एम्स की स्वास्थ्य सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाने का रोडमैप तय करेगा।
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तीन चरणों में लागू होंगी सिफारिशें
समिति की रिपोर्ट वर्ष के उत्तरार्ध में पेश की जाएगी, जिसमें अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक सुधारों को स्पष्ट रूप से बताया जाएगा।
AIIMS Delhi सेवाओं का विस्तार अन्य अस्पतालों में
समिति सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों में खाली या कम उपयोग में आ रही सुविधाओं के जरिये एम्स की ओपीडी सेवाओं के विस्तार की संभावना तलाश रही है।
एक अधिकारी ने बताया, “हम यह सुनिश्चित करने पर काम कर रहे हैं कि कहीं भी सेवा की गुणवत्ता से समझौता न हो। अंतिम निर्णय समिति द्वारा लिया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि “एम्स (AIIMS Delhi) के बाहर ओपीडी सेवाओं का विस्तार तभी सफल हो पाएगा जब एक सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाए ताकि हर जरूरतमंद को वैसी ही चिकित्सा सलाह और इलाज मिल सके जैसी एम्स में दी जाती है।”
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