केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘वन नेशन वन करिकुलम’ के तहत नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स (NCAHP) के सहयोग से 10 सहयोगी और स्वास्थ्य पेशों के लिए कौशल-आधारित पाठ्यक्रम (Competency-Based Curricula) का शुभारंभ किया है।
इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में स्वास्थ्य पेशेवरों की शिक्षा में एकरूपता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर अपर सचिव श्रीमती हेकारी झिमोमी और NCAHP की चेयरपर्सन डॉ. यज्ञा शुक्ला भी उपस्थित रहीं।
किन-किन पेशों के लिए पाठ्यक्रम लागू होंगे:
- फिजियोथेरेपी
- व्यवहारिक स्वास्थ्य एवं एप्लाइड साइकोलॉजी
- ऑप्टोमेट्री
- न्यूट्रिशन एवं डायटेटिक्स
- डायलिसिस थेरेपी तकनीक
- रेडियोथेरेपी तकनीक
- मेडिकल रेडियोलॉजी एवं इमेजिंग तकनीक
- एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर तकनीक
- हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट
- फिजिशियन असोसिएट्स
पाठ्यक्रम की खास बातें:
- मानकीकरण (Standardization): पूरे भारत में न्यूनतम शैक्षिक मानकों को सुनिश्चित करना
- कौशल-आधारित शिक्षा (Competency-based Learning): वास्तविक स्वास्थ्य सेवा परिस्थितियों में व्यावहारिक ज्ञान का उपयोग
- समग्र विकास: नैतिकता, संवाद कौशल, टीमवर्क और निरंतर सीखने को बढ़ावा देना
- यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का समर्थन: पेशेवरों को सरकार के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज विजन के लिए तैयार करना
क्या कहा स्वास्थ्य सचिव ने?
श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा, “भारत अपने स्वास्थ्य पेशेवरों को न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। यह पाठ्यक्रम गुणवत्ता की एक नई मिसाल कायम करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “इन पाठ्यक्रमों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि संस्थागत ढांचा, फैकल्टी ट्रेनिंग, डिजिटल संसाधन और लगातार निगरानी कैसे की जाती है।”
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NCAHP की चेयरपर्सन का बयान:
डॉ. यज्ञा शुक्ला ने बताया कि, “यह पहल ‘वन नेशन वन करिकुलम’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह पाठ्यक्रम 2026 से अनिवार्य रूप से लागू किए जाएंगे और NCAHP की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।
पृष्ठभूमि:
NCAHP भारत का एक वैधानिक निकाय है जो सहयोगी और स्वास्थ्य पेशेवरों की शिक्षा और सेवाओं के मानकों को नियंत्रित करता है। नया पाठ्यक्रम NCAHP अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुरूप तैयार किया गया है।
इसका उद्देश्य एक ऐसा पेशेवर स्वास्थ्य कार्यबल तैयार करना है जो न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सेवाएं देने में सक्षम हो।
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