Contraceptive Implant Injection: शोधकर्ता एक नया इंजेक्शन विकसित कर रहे हैं जो शरीर में खुद-ब-खुद एक गर्भनिरोधक इम्प्लांट बनाता है। यह नई तकनीक दवाओं को लंबे समय तक शरीर में पहुंचाने के लिए एक नया तरीका हो सकता है।
वर्तमान में उपलब्ध गर्भनिरोधक इम्प्लांट कई वर्षों तक प्रभावी रहते हैं, जिससे महिलाओं को रोज़ाना गोली लेने की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन इन्हें शरीर में लगाने के लिए एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा छोटी सर्जरी करनी पड़ती है। दूसरी ओर, गर्भनिरोधक इंजेक्शन भी मौजूद हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता केवल तीन महीने तक रहती है।
अब वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के दीर्घकालिक (लॉन्ग-लास्टिंग) इम्प्लांट के लिए प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट प्रयोग सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
मौजूदा गर्भनिरोधक विकल्पों की सीमाएँ
- वर्तमान गर्भनिरोधक इम्प्लांट वर्षों तक प्रभावी रहते हैं लेकिन इन्हें लगाने के लिए सर्जिकल प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
- गर्भनिरोधक इंजेक्शन पहले से मौजूद हैं, लेकिन ये सिर्फ तीन महीने तक ही प्रभावी रहते हैं।
नए इम्प्लांट की विशेषताएँ
- यह शरीर में स्वयं बनने वाला एक नया लंबे समय तक चलने वाला इम्प्लांट होगा।
- मानव परीक्षण अभी बाकी हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विधि गर्भनिरोध से आगे भी लाभ प्रदान कर सकती है।
- बिना जटिल प्रक्रिया के लंबे समय तक दवा देने का एक आसान तरीका हो सकता है।
- यह उन क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी होगा जहां चिकित्सा सुविधाएँ सीमित हैं।
अन्य बीमारियों के लिए संभावित उपयोग
डॉ. जियोवन्नी ट्रावर्सो के अनुसार, यह तरीका केवल गर्भनिरोधक तक सीमित नहीं है। यह एचआईवी, टीबी, स्किजोफ्रेनिया, पुराना दर्द और मेटाबॉलिक बीमारियों के इलाज के लिए भी उपयुक्त हो सकता है।
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कैसे काम करता है यह इंजेक्शन?
- सिंथेटिक प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के माइक्रो-क्रिस्टल को एक ऐसे सॉल्वेंट में इंजेक्ट किया जाता है जो पानी के साथ अच्छी तरह नहीं घुलता।
- शरीर में पहुंचने पर, यह सॉल्वेंट बॉडी फ्लूइड्स के साथ बदल जाता है।
- माइक्रो-क्रिस्टल आपस में चिपककर एक ठोस इम्प्लांट बना लेते हैं।
- यह इम्प्लांट धीरे-धीरे दवा छोड़ता है, जिससे इसका असर लंबे समय तक बना रहता है।
परीक्षण और प्रभावशीलता
- इस अध्ययन को जर्नल नेचर केमिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित किया गया।
- चूहों पर किए गए परीक्षणों में यह पाया गया कि यह 97 दिनों तक प्रभावी रहा।
- संरचना में बदलाव करके इसे और अधिक समय तक प्रभावी बनाया जा सकता है।
क्या यह सुरक्षित और उपयोग में आसान है?
- दवा की खुराक और मात्रा को कई वर्षों तक प्रभावी बनाए रखने के लिए समायोजित किया जा सकता है।
- यदि आवश्यक हो, तो इस ठोस इम्प्लांट को निकाला भी जा सकता है।
- यह तकनीक छोटे इंजेक्शन के अनुकूल भी है।
भविष्य की संभावनाएँ
- यह शोध अभी प्रारंभिक चरण में है और इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण किया जाना बाकी है।
- अगले तीन से पांच वर्षों में मानव परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों की राय
फैकल्टी ऑफ सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थकेयर की अध्यक्ष, डॉ. जेनेट बार्टर, इस तकनीक को रोमांचक खोज मानती हैं।
- यह उन क्षेत्रों में एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है जहां गर्भनिरोधक और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सीमित है।
- इस तकनीक की सुरक्षा, प्रभावशीलता और उपलब्धता पर और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
- वैज्ञानिकों को इसे उपयोगकर्ताओं के साथ मिलकर विकसित करने की सलाह दी गई है, ताकि यह उनकी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को पूरा कर सके।
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