Medical Research of Neck Shape: वेस्टलाइन के साथ-साथ गर्दन का आकार भी आपकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि मोटी गर्दन हार्ट रोग, डायबिटीज और नींद संबंधी विकारों के संकेत दे सकती है।
किंग्स्टन विश्वविद्यालय के डॉ. अहमद एल्बेदीवी और डॉ. नादिन वेहिदा ने बताया कि रिसर्च (Medical Research of Neck Shape) के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) हमेशा शरीर की असली स्थिति नहीं दिखाता। उदाहरण के लिए, एक फिट बॉडीबिल्डर का बीएमआई हाई हो सकता है, लेकिन वह मोटापे से ग्रस्त नहीं होता। वहीं, गर्दन की माप शरीर में फैट के असंतुलित जमाव का स्पष्ट संकेत देती है।
मोटी गर्दन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं
शोध (Medical Research of Neck Shape) में यह पाया गया कि जिन लोगों की गर्दन ज्यादा मोटी होती है, उनमें:
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- दिल की बीमारियों का खतरा
बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, सामान्यतः पुरुषों की गर्दन 38 सेमी (15 इंच) से कम और महिलाओं की 35 सेमी (13.8 इंच) से कम होनी चाहिए।
हार्ट के लिए खास चेतावनी: एट्रियल फिब्रिलेशन
2022 के एक अध्ययन (Medical Research of Neck Shape) में मोटी गर्दन को एट्रियल फिब्रिलेशन से जोड़ा गया। यह स्थिति इर्रेगुलर हार्ट बीट का कारण बनती है और थकान, स्ट्रोक, ब्लड क्लॉटिंग तथा हार्ट रुकने से मौत का खतरा बढ़ा देती है।
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सेहत के लिए आसान उपाय
इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सरल उपाय सुझाते हैं:
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएँ
- संतुलित आहार लें
- नियमित कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
- स्लीप एप्निया या खर्राटों जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें
- गर्दन की माप समय-समय पर चेक करते रहें
डॉ. एल्बेदीवी का कहना है कि सेहत की कुंजी सिर्फ आपकी वेस्टलाइन में नहीं, बल्कि आपकी गर्दन में भी छुपी है।
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