Drug Delivery System: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली विकसित की है, जो अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके दवाओं को शरीर के किसी भी हिस्से में लक्षित रूप से पहुंचा सकती है। इस तकनीक से दवा का असर बढ़ेगा और दुष्प्रभाव न्यूनतम होंगे।
शोध टीम ने नैनोकणों का निर्माण किया, जो दवाओं को उनके इच्छित गंतव्य तक पहुँचाने में सक्षम हैं। इसके लिए नैनोकणों में केवल 5% सुक्रोज घोल मिलाया गया, जिससे वे शरीर में स्थिर रहते हैं और अल्ट्रासाउंड पर प्रतिक्रिया करते हैं।
Drug Delivery System: ब्रेन और अंगों तक पहुंचाई दवाएं
टीम ने चूहों पर परीक्षण किया। परिणामों से पता चला कि यह प्रणाली (Drug Delivery System) ब्रेन के विशिष्ट क्षेत्रों में केटामाइन और अंगों की विशिष्ट नसों तक दर्द निवारक दवाएं सटीक रूप से पहुंचा सकती है। अल्ट्रासाउंड की पतली किरण बाहर से लक्ष्य पर लागू की जाती है और दवा छोड़ देती है।
सुरक्षित और अधिक प्रभावी उपचार की संभावना
स्टैनफोर्ड मेडिसिन में रेडियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर राग ऐरन के अनुसार, “इस प्रणाली से थेरेपी का असर बढ़ाया जा सकता है और लक्ष्य से बाहर के प्रभावों को कम किया जा सकता है।” यह तरीका विभिन्न प्रकार की दवाओं को सुरक्षित और प्रभावी बनाने में मदद कर सकता है।
यह भी पढ़ें: फर्जी एमबीबीएस छात्रा ने डॉक्टर को अश्लील तस्वीरों से किया ब्लैकमेल, ठगे 94 लाख रुपए
शोध प्रक्रिया और परीक्षण
शुरुआत में नैनोकणों में पॉलीमर आवरण और तरल कोर का उपयोग किया गया, लेकिन प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं थी। शोधकर्ताओं ने कई सामान्य पदार्थों का परीक्षण किया और अंत में सुक्रोज को तरल कोर में मिलाया। चूहों पर परीक्षण में, ब्रेन के लक्षित क्षेत्र में अन्य हिस्सों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक दवा पहुंचाई गई।
मानव चिकित्सा में संभावित उपयोग
यदि यह प्रणाली (Drug Delivery System) मनुष्यों में सफल होती है, तो डॉक्टर डिप्रेशन और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में केटामाइन के भावनात्मक और चिकित्सीय प्रभावों को अलग करने में सक्षम होंगे।
Discussion about this post