World Health Day 2025: हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व स्वास्थ्य दिवस, वैश्विक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने और जनस्वास्थ्य के बेहतर परिणामों के लिए कार्रवाई को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
वर्ष 2025 का विषय है: “स्वस्थ शुरुआत, आशावान भविष्य”, जो मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य पर केंद्रित है। यह अभियान, महिलाओं की दीर्घकालिक भलाई और शिशु मृत्यु को रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों को गति देता है।
इस लक्ष्य के अनुरूप, भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सुलभ, समान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लगातार मजबूत कर रहा है। बीते दशक में, आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) जैसी पहलों के माध्यम से भारत ने जनस्वास्थ्य में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
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मातृ एवं बाल स्वास्थ्य में भारत की उपलब्धियाँ
- मातृ मृत्यु दर (MMR) 2014-16 के 130 से घटकर 2018-20 में 97 हो गई, यानी 33 अंकों की गिरावट।
- 1990 से 2020 तक भारत में MMR में 83% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट 42% रही।
- शिशु मृत्यु दर (IMR) 2014 में 39 से घटकर 2020 में 28 प्रति 1,000 जीवित जन्म हो गई।
- नवजात मृत्यु दर (NMR) 26 से घटकर 20 और पाँच वर्ष से कम आयु में मृत्यु दर (U5MR) 45 से घटकर 32 हो गई।
मातृ स्वास्थ्य हेतु प्रमुख कार्यक्रम
- मातृ मृत्यु निगरानी और प्रतिक्रिया (MDSR) – मातृ मृत्यु के कारणों का विश्लेषण और सुधारात्मक कार्रवाई।
- मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्ड और सुरक्षित मातृत्व पुस्तिका – गर्भवती महिलाओं को पोषण, विश्राम और सरकारी योजनाओं की जानकारी।
- RCH पोर्टल – डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली।
- अनीमिया मुक्त भारत, बर्थ वेटिंग होम्स, ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस और जनजातीय क्षेत्रों में विशेष शिविर जैसे कार्यक्रम।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं
- 5 अप्रैल 2025 तक 1.76 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) सक्रिय।
- उच्च रक्तचाप के 107.10 करोड़ और मधुमेह के 94.56 करोड़ जांच।
- योग और ध्यान जैसे 5.06 करोड़ वेलनेस सत्र आयोजित।
- 17,000+ सरकारी स्वास्थ्य संस्थाएं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों से प्रमाणित।
डिजिटल स्वास्थ्य पहल
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत अब तक 76 करोड़ ABHA खाते बनाए गए।
- 5.95 लाख स्वास्थ्य पेशेवर और 3.86 लाख स्वास्थ्य संस्थान पंजीकृत।
- U-WIN पर 7.90 करोड़ लाभार्थियों का पंजीकरण और 29.22 करोड़ टीके लगाए गए।
- ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए 36 करोड़ से अधिक मरीजों को परामर्श।
रोग नियंत्रण एवं उन्मूलन
- मलेरिया मामलों में 69% और मौतों में 68% की कमी (2017–2023)।
- 2024 में ट्रेकोमा का उन्मूलन – WHO द्वारा मान्यता प्राप्त।
- खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान से संक्रमण में उल्लेखनीय गिरावट।
- क्षय रोग (TB) के मामलों में 17.7% कमी; मृत्युदर में भी कमी।
- काला-अजार का 100% उन्मूलन अक्टूबर 2024 तक।
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सस्ती स्वास्थ्य सुरक्षा
- आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 55 करोड़ लोग कवर।
- ₹5 लाख प्रति परिवार बीमा, 40 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी।
- अब तक 8.50 करोड़ अस्पताल में प्रवेश; 31,846 अस्पताल सूचीबद्ध।
मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास
- टेली-मानस कार्यक्रम 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 53 केंद्रों के माध्यम से 20 भाषाओं में 24×7 परामर्श सेवा।
- अब तक 20 लाख से अधिक कॉल, और पिछले 3 वर्षों में 230 करोड़ रुपये का आवंटन।
- 440 पुनर्वास गृह/हाफवे होम्स सक्रिय।
भविष्य की दिशा
भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधारों ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, डिजिटल स्वास्थ्य, रोग नियंत्रण, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में नए मानक स्थापित किए हैं। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम के अनुरूप, भारत ‘स्वस्थ शुरुआत’ के माध्यम से हर नागरिक को ‘आशावान भविष्य’ की दिशा में ले जा रहा है।
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