Inspection Bribery Allegations: नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) के अध्यक्ष डॉ. अभिजात शेठ ने हाल ही में कहा कि मेडिकल कॉलेज निरीक्षण में सामने आए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद एनएमसी अपनी मूल्यांकन प्रणाली की रूट कॉज़ एनालिसिस करेगा।
डॉ. शेठ ने इसे “गंभीर चिंता” बताया और कहा कि यह केवल कुछ अधिकारियों तक ही सीमित (NMC) मामला है, पूरे संगठन पर आरोप लगाना अनुचित होगा।
उन्होंने बताया कि NMC ने पहले ही भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपना ली है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के बाद चार आकलकों को ब्लैकलिस्ट किया गया और छह मेडिकल कॉलेजों में सीट नवीनीकरण को रोका गया।
सुधारात्मक कदम और तकनीकी उपाय
डॉ. शेठ ने बताया कि निरीक्षण की भौतिक निर्भरता कम करने के लिए एनएमसी ने पहले से ही कई सुधार लागू किए हैं, जैसे कि:
- संस्थागत आत्म-मूल्यांकन रिपोर्ट (Self Assessment Reports)
- सीसीटीवी निगरानी के माध्यम से केंद्रीय नियंत्रण और कमांड सेंटर
- आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS)
उन्होंने कहा कि NMC अधिनियम (NMC Act) के तहत किसी भी मानक से विचलन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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रूट कॉज़ एनालिसिस और भविष्य की रणनीति
डॉ. शेठ ने कहा, “हम अब रूट कॉज़ एनालिसिस करेंगे, संभावित कमियों और सुधार के क्षेत्रों का पता लगाएंगे। इसके आधार पर नियामक तंत्र को मजबूत किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।”
बोर्ड पदों की रिक्तता और संचालन
डॉ. शेठ ने बताया कि यूजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड और एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड में अध्यक्ष और सदस्य पद अभी रिक्त हैं। उन्होंने कहा, “तत्कालीन रूप से, पीजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष, मेडिकल असेसमेंट और रेटिंग बोर्ड (MARB) और मेरी टीम संचालन सुनिश्चित करेगी। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में सभी पद भरे जाएंगे और प्रक्रिया सुचारू होगी।”
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