Ragging Hotspots: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने देशभर के मेडिकल कॉलेजों को रैगिंग के “हॉटस्पॉट” के रूप में चिन्हित किया है। आयोग ने बताया कि कुल छात्र आबादी का केवल 1.1% होने के बावजूद, मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के मामलों की संख्या 38.6% है।
NHRC ने यह जानकारी ‘हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स में एंटी-रैगिंग कानून’ पर आयोजित ओपन हाउस डिस्कशन में साझा की। बैठक का आयोजन मानव अधिकार भवन, नई दिल्ली में किया गया और इसकी अध्यक्षता NHRC के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम ने की। बैठक में ‘रैगिंग पर पुनर्विचार: जागरूकता, जवाबदेही और सुरक्षा के माध्यम से सुरक्षित कैंपस’ विषय पर चर्चा हुई।
रामासुब्रमण्यम ने कहा कि रैगिंग (Ragging Hotspots) को रोकने के लिए मजबूत निगरानी तंत्र की आवश्यकता है। शिकायतों को संवेदनशीलता से संभालने, गुमनाम रखने और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि 2001 के दिशा-निर्देश, आर.के. राघवन समिति और 2009 के UGC नियमों के बावजूद, रैगिंग पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
38.6% रैगिंग मामले केवल मेडिकल कॉलेजों में
Careers 360 की रिपोर्ट के अनुसार, NHRC सचिव जनरल भारत लाल ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार मेडिकल कॉलेजों (Ragging Hotspots) में रैगिंग के मामले सबसे अधिक हैं। NHRC के संयुक्त सचिव समीर कुमार ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में जातिगत रैगिंग की प्रवृत्ति भी देखी गई है।
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रैगिंग रोकने के लिए NHRC के सुझाव
- हर कॉलेज की वेबसाइट पर UGC की 24×7 एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन का प्रदर्शन।
- पुलिस को तत्काल रिपोर्टिंग करना अनिवार्य।
- गुमनाम शिकायतों की अनुमति।
- SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व एंटी-रैगिंग कमेटियों में।
- शिकायतों के बाद पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- नियमित ऑडिट, अचानक निरीक्षण, CCTV निगरानी और पुलिस कैंपस दौरे।
- वेलनेस और इंक्लूजन सेंटर (Ragging Hotspots) स्थापित करना और प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर उपलब्ध कराना।
- शिकायतों को जिला प्रशासन की मंजूरी के बिना बंद न करना।
- वार्षिक एंटी-रैगिंग रिपोर्ट प्रकाशित करना।
- रैगिंग-फ्री कैंपस को सम्मानित करना।
- माता-पिता की शिकायत मामलों में भागीदारी।
- NHRC, NALSA और UGC के बीच सहयोग।
- Richard Thaler की ‘नज तकनीक’ से लोगों की मानसिकता बदलने की पहल।
रैगिंग से हुई मौतों और शिकायतों की स्थिति
Society Against Violence in Education (SAVE) की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों में कुल रैगिंग शिकायतों का 38.6%, गंभीर मामलों का 35.4%, और रैगिंग से हुई मौतों का 45.1% हिस्सा है।
राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर 2022-24 में 3,160 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 51 छात्रों की मौत हुई। इनमें से 23 मौतें (45.1%) मेडिकल कॉलेजों में हुईं।
सबसे अधिक शिकायत वाले टॉप 5 मेडिकल कॉलेज
- MKCG Medical College & Hospital, ओडिशा – 25 शिकायतें
- Pt. Jawahar Lal Nehru Memorial Medical College, रायपुर, छत्तीसगढ़ – 15 शिकायतें
- Vardhman Institute of Medical Sciences, पावापुरी, बिहार – 14 शिकायतें
- State Takmeel-Ut-Tib College & Hospital, लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 12 शिकायतें
- Maulana Azad Medical College, नई दिल्ली – 11 शिकायतें
विशेषज्ञों ने कहा कि बैठक में विभिन्न कॉलेज और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने रैगिंग (Ragging Hotspots) रोकने के लिए जागरूकता, नियमित निरीक्षण और संस्थागत जवाबदेही को अहम बताया।
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