Life-Saving Drug: केंद्रीय सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि भारत में औषधियों को “लाइफ-सेविंग ड्रग्स” (Life-Saving Drug) के रूप में कोई आधिकारिक वर्गीकरण नहीं किया गया है।
हालांकि, देश में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और उनकी किफायती कीमत सुनिश्चित करने के लिए मजबूत प्रणाली लागू है। इसमें 930 निर्धारित फॉर्मूलेशनों की कीमतों पर नियंत्रण और अन्य मूल्य हस्तक्षेप शामिल हैं, जिनसे मरीजों को लाखों करोड़ रुपये की बचत हुई है।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी सांसद मुरासोली एस के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची पर विशेष ध्यान
पटेल ने बताया कि भारत में “लाइफ-सेविंग ड्रग्स” (Life-Saving Drug) की कोई श्रेणी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन्स सभी विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ मिलकर दवाओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता, उपलब्धता और किफायती कीमत का मूल्यांकन करती है। WHO की आवश्यक दवाओं की सूची, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रयुक्त दवाएं, भारतीय फार्माकोपिया और नेशनल फॉर्मुलरी का संदर्भ लेकर NLEM में दवाओं को शामिल करने की सिफारिश करती है।
इसके बाद, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय NLEM प्रकाशित करता है, जो ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर, 2013 के अनुसूची-1 के रूप में अधिसूचित होता है।
930 फॉर्मूलेशनों पर नियंत्रण
अनुप्रिया पटेल ने बताया कि 930 निर्धारित दवाओं (Life-Saving Drug) के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (Ceiling Price) तय किए गए हैं, जिनका पालन सभी निर्माताओं, आयातकों और मार्केटरों को करना आवश्यक है।
- NLEM 2022 के तहत औसत मूल्य में 17% की कमी हुई, जिससे सालाना लगभग 3,788 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- कोरोनरी स्टेंट्स की कीमतें फरवरी 2017 में तय की गई थीं, जिससे सालाना 11,600 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- NPPA ने 3,482 नई दवाओं की खुदरा कीमतें भी तय की हैं।
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गैर-निर्धारित दवाओं और मेडिकल डिवाइस पर मूल्य नियंत्रण
पटेल ने गैर-निर्धारित दवाओं (Life-Saving Drug) और उपकरणों पर NPPA द्वारा किए गए कदम भी साझा किए:
- गैर-निर्धारित 22 डायबिटिक और 84 कार्डियोवैस्कुलर दवाओं की कीमतें तय, सालाना लगभग 350 करोड़ रुपये की बचत।
- 42 गैर-निर्धारित कैंसर दवाओं के व्यापारिक मार्जिन पर नियंत्रण, 526 ब्रांड की कीमतों में लगभग 50% कमी, सालाना 984 करोड़ रुपये की बचत।
- ऑर्थोपेडिक नी इम्प्लांट्स की कीमतें तय, सालाना 1,500 करोड़ रुपये की बचत।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मशीन, नेबुलाइजर, डिजिटल थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर के मार्जिन पर नियंत्रण, सालाना 1,000 करोड़ रुपये की बचत।
NPPA द्वारा तय की गई सभी कीमतें उनकी वेबसाइट (nppaindia.nic.in) पर उपलब्ध हैं।
सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुंच के लिए सरकारी पहल
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना (PMBJP):
- देशभर में 16,912 जन औषधि केंद्र खोले गए।
- 2,110 प्रकार की दवाएं और 315 सर्जिकल व मेडिकल उपकरण कवर।
- अब तक 7,700 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री हुई, जिससे 38,000 करोड़ रुपये की बचत।
आयुष्मान भारत – पीएम जन आरोग्य योजना (PMJAY):
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा।
- 41 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कार्ड जारी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत फ्री ड्रग्स सेवा पहल:
- सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में आवश्यक दवाएं मुफ्त।
AMRIT फार्मेसी:
- कैंसर, कार्डियोवस्कुलर और अन्य बीमारियों की दवाएं (Life-Saving Drug), इम्प्लांट्स, सर्जिकल डिस्पोजेबल्स पर 50% तक की छूट।
गरीब मरीजों के लिए वित्तीय सहायता:
- Rashtriya Arogya Nidhi और स्वास्थ्य मंत्री के विवेकाधीन अनुदान के तहत गंभीर बीमारियों के मरीजों को मदद।
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