भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने JIPMER, पुडुचेरी में MBBS और BAMS को मिलाकर चलाए जाने वाले एकीकृत पाठ्यक्रम (Integrated Course) की योजना की कड़ी आलोचना की है। संघ ने इस योजना को असंगत और “अविज्ञानिक” बताते हुए तत्काल इसे वापस लेने की मांग की है।
IMA ने प्रेस रिलीज़ में कहा कि विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों को मिलाकर पढ़ाने का यह कदम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत है। संघ ने स्पष्ट किया कि हम सभी चिकित्सा प्रणालियों का सम्मान करते हैं और मानते हैं कि प्रत्येक प्रणाली की शुद्धता को संरक्षित रखना आवश्यक है।
IMA ने चेतावनी दी कि यदि यह योजना लागू होती है, तो JIPMER राष्ट्रीय महत्व का संस्थान नहीं रहेगा। संघ ने यह भी कहा कि ऐसा कदम रोगियों के अधिकार को छीनने जैसा है, क्योंकि उन्हें अपनी पसंद के अनुसार चिकित्सा प्रणाली चुनने का अधिकार होना चाहिए।
सरकारी निकायों की भूमिका पर सवाल
IMA ने कहा कि National Medical Commission (NMC) और अन्य संबंधित सरकारी निकायों को इस निर्णय में शामिल नहीं किया गया। संघ ने बताया कि COVID-19 महामारी के दौरान आधुनिक चिकित्सा ने लाखों लोगों की जान बचाई, और इसी कारण MBBS जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
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Auroville Foundation में Integral Medical Education योजना
सरकारी फाइलों के अनुसार, जनवरी 2024 में Auroville Foundation ने MBBS-BAMS एकीकृत पाठ्यक्रम के लिए प्रस्ताव रखा था। JIPMER ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालयों के सहयोग से इस पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार किया। हालांकि, RTI के माध्यम से पता चला कि NMC और अन्य नियामक संस्थाओं की बैठक तय समय पर नहीं हो पाई थी।
IMA की सरकार और NMC से अपील
IMA ने स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC से तत्काल हस्तक्षेप करने और इस “पछड़ी” योजना को रोकने की मांग की है। प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि हम नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और देश से अपील करते हैं कि वे MBBS-BAMS असंगत योजना का विरोध करें। मिक्सोपैथी केवल हाइब्रिड डॉक्टर पैदा करेगी, जो योग्य नहीं बल्कि नकली होंगे।
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