Child Amputees in Gaza: नॉर्थ-ईस्ट फिलाडेल्फिया के एक घर में चार साल का एलियास, किटकैट के पैकेट को पकड़कर खुशी से झूमता है। लेकिन उसके शरीर पर लगी चोटें उसके अतीत की दर्दनाक कहानी बयां करती हैं।
एलियास और उसकी पाँच वर्षीय बहन तलिन को गाजा में इजरायली मिसाइल हमले में गंभीर चोटें आईं। एलियास का दाहिना पैर घुटने के नीचे से उड़ गया और तलिन को भी गंभीर घाव मिले।
गाजा से घायल बच्चों को चिकित्सा सहायता देने वाले गैर-लाभकारी संगठन “हील फिलिस्तीन” ने इन बच्चों को अमेरिका लाने में मदद की। इलाज पूरा होने के बाद, उन्हें मिस्र जाना होगा, क्योंकि अमेरिकी सरकार ने उनके ठहरने की अनुमति सीमित कर दी है।
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गाजा में तबाही और बच्चों की दुर्दशा
गाजा पर हुए हमलों में हजारों बच्चों की जान चली गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 50,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, लेकिन द लांसेट पत्रिका के अनुसार, यह संख्या 64,000 से अधिक हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि 14,500 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है, और 25,000 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
गाजा में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बमबारी के कारण अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएँ बर्बाद हो चुकी हैं। यूनिसेफ का अनुमान है कि 3,000 से 4,000 बच्चे अपने एक या दोनों अंग खो चुके हैं। गाजा दुनिया का ऐसा क्षेत्र बन गया है जहाँ प्रति व्यक्ति सबसे अधिक बच्चे अंग-विहीन हैं।
गंभीर मानसिक और शारीरिक आघात
एलियास का बड़ा भाई, नौ वर्षीय खालिद, गाजा के अल-शिफा अस्पताल में फंसा रहा, जहाँ उसने इजरायली सैनिकों को निर्दोष लोगों की हत्या करते देखा। उसके पिता को पकड़कर दो दिन तक समुद्र तट पर प्रताड़ित किया गया। खालिद की माँ आमना बताती हैं कि उसका बेटा मानसिक रूप से बहुत प्रभावित हुआ है।
गंभीर चिकित्सा स्थितियों में जीवन
गाजा में घायल बच्चों के पास उचित चिकित्सा सुविधा नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, वहाँ जलने और चोट के इलाज के लिए बुनियादी संसाधन नहीं हैं। कई बच्चों के अंग समय रहते इलाज न मिलने के कारण काटने पड़े। डॉक्टर फेरोज़ सिधवा के अनुसार, “अगर सही समय पर इलाज मिलता, तो कई बच्चे अपने अंग बचा सकते थे।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की पहल
हील फिलिस्तीन और फिलिस्तीन चिल्ड्रेन रिलीफ फंड जैसे संगठनों ने गंभीर रूप से घायल बच्चों की मदद के लिए आगे कदम बढ़ाया है। ये संगठन मेडिकल उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और पुनर्वास कार्यक्रमों पर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
गाजा के बच्चे, जो कभी किताबों और खेलों में व्यस्त रहते थे, अब युद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहे हैं। न केवल उनके शरीर घायल हुए हैं, बल्कि उनका भविष्य भी अनिश्चित हो गया है। क्या दुनिया इन बच्चों को नया जीवन देने के लिए आगे आएगी?
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