PM Yoga Awards 2025: केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने रविवार को 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री योग पुरस्कारों (Pradhanmantri Yoga Puraskar 2025) के लिए नामांकन शुरू करने की घोषणा की।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देते हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण और निरंतर योगदान दिया है।
4 कैटेगरी में मिलेंगे पुरस्कार
ये पुरस्कार (PM Yoga Awards 2025) राष्ट्रीय व्यक्तिगत, राष्ट्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तिगत और अंतर्राष्ट्रीय संगठन नामक चार श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक विजेता को एक ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु 40 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए तथा योग के प्रचार-प्रसार में कम से कम 20 वर्षों का समर्पित अनुभव होना चाहिए।
आवेदन और नामांकन माई जीओवी प्लेटफॉर्म के माध्यम से 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले जमा किए जा सकते हैं।
आवेदन के लिए क्या शर्तें
मंत्रालय ने कहा, ‘यह लिंक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट और इसके स्वायत्त निकायों की वेबसाइटों पर भी उपलब्ध होगा। संस्थाएं सीधे आवेदन कर सकती हैं या किसी प्रमुख योग संगठन द्वारा नामित की जा सकती हैं। प्रत्येक आवेदक/नामांकित व्यक्ति प्रति वर्ष केवल एक श्रेणी (राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय) के लिए आवेदन कर सकता है।’
मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री योग पुरस्कारों का उद्देश्य इस क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान का जश्न मनाना, रोगों की रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन और जीवनशैली से संबंधित विकारों के प्रबंधन में योग की भूमिका को सुदृढ़ करना है।
यह भी पढ़ें: Trembling of hands & legs: जवानी में ही कांप रहे आपके हाथ-पैर? इन 5 बीमारियों का हो सकता है संकेत
प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से समर्थित ये पुरस्कार योग के विकास और प्रचार-प्रसार में अमूल्य योगदान को मान्यता देने और उसका सम्मान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण हैं।
आयुष मंत्रालय द्वारा गठित एक स्क्रीनिंग समिति सभी आवेदनों की समीक्षा करेगी और मूल्यांकन करने वाले निर्णायक मंडल को प्रत्येक पुरस्कार श्रेणी में अधिकतम 50 नामों की सिफारिश करेगी।
आयुष मंत्रालय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी सहित चिकित्सा और कल्याण की हमारी पारंपरिक प्रणालियों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
Discussion about this post