ISRO & SCTIMST: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), अंतरिक्ष विभाग (DoS) और श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने ‘अंतरिक्ष चिकित्सा में सहयोग के लिए रूपरेखा समझौता ज्ञापन’ (Framework MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह साझेदारी भारत में अंतरिक्ष चिकित्सा और इसके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
ISRO के गगनयान मिशन को मिलेगा बड़ा लाभ
ISRO के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम ‘गगनयान’ के तहत यह सहयोग मानव स्वास्थ्य अनुसंधान, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में अनुसंधान, अंतरिक्ष जीवविज्ञान और अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।
इस समझौते से ह्यूमन फिजियोलॉजिकल स्टडीज, बायोमेडिकल सपोर्ट सिस्टम्स, रेडिएशन बायोलॉजी और मेडिसिन, स्पेस एनवायरनमेंट में मानव स्वास्थ्य और प्रदर्शन को सुधारने के उपाय, टेलीमेडिसिन प्रोटोकॉल और अंतरिक्ष मिशनों के लिए क्रू मेडिकल किट जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
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भविष्य की भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन परियोजनाओं के लिए मजबूत आधार
ISRO के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी नारायणन ने कहा कि गगनयान मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में मानव अनुसंधान की भारत की क्षमता को बढ़ाना है। उन्होंने जोर दिया कि लंबे समय तक चलने वाले मानव अंतरिक्ष मिशनों की सफलता के लिए अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और प्रदर्शन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने यह भी बताया कि “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” (Bharatiya Antariksh Station) जैसी राष्ट्रीय परियोजनाएं अत्याधुनिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेंगी।
अंतरिक्ष चिकित्सा से धरती पर भी लाभ
DST के अतिरिक्त सचिव और एआई डिवीजन के प्रमुख डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष चिकित्सा में अनुसंधान से मानव शरीर विज्ञान, मानव अनुकूलन, नए चिकित्सा उपकरणों और डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष के लिए विकसित तकनीकों का उपयोग पृथ्वी पर भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में किया जा सकता है।
उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावना
SCTIMST के अध्यक्ष श्री कृष्णा गोपालकृष्णन ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह सहयोग शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में चिकित्सा उपकरणों के विकास के लिए नए अवसर प्रदान करेगा। SCTIMST के निदेशक डॉ. संजय बिहारी ने भी इस साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि वे स्वच्छ कक्ष (Clean Room) और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोगशालाओं के विकास के साथ-साथ बायोमेडिकल डिवाइस के सह-विकास में ISRO के साथ मिलकर काम करेंगे।
समारोह में वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौजूदगी
समझौता ज्ञापन पर SCTIMST के निदेशक डॉ. संजय बिहारी और ISRO के वैज्ञानिक सचिव श्री गणेश पिल्लई ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर डॉ. वी नारायणन, श्री कृष्णा गोपालकृष्णन, डॉ. सुनील कुमार और SCTIMST व ISRO के वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित थे।
समारोह में VSSC के निदेशक डॉ. उन्नीकृष्णन नायर, LPSC के निदेशक डॉ. मोहन, HSFC के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार सिंह, IIST के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी और ISRO मुख्यालय, बेंगलुरु से मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के निदेशक श्री हनमंतरी बालुरगी भी मौजूद रहे।
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