AI Centre of Excellence: देश के दो प्रमुख संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने मिलकर स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित समाधान विकसित करने के लिए एक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर AI इन हेल्थकेयर (AI-CoE)’ की स्थापना के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता (AI Centre of Excellence) एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंजन बनर्जी के बीच आईआईटी दिल्ली परिसर में आयोजित एक समारोह में हुआ।
यह AI-CoE देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए AI-आधारित समाधान विकसित (AI Centre of Excellence) करने पर केंद्रित रहेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष इन दोनों संस्थानों को शिक्षा मंत्रालय की ‘Make AI in India, Make AI Work for India’ पहल के तहत ₹330 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ था। यह अनुदान अत्यंत प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया के बाद प्रदान किया गया, और अब प्रस्तावित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इस अनुदान का क्रियान्वयन करेगा।
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AI Centre of Excellence: निदेशकों के विचार
एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा, “यह समझौता देश की स्वास्थ्य प्रणाली को नई दिशा देने वाला कदम है। यह साझेदारी दूरगामी अनुसंधान को जन्म देगी, जो भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को नया रूप दे सकती है।”
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंजन बनर्जी ने भी इस अवसर पर खुशी जताते हुए कहा, “AIIMS और IIT Delhi की साझेदारी सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक नया आयाम दे सकती है। हमें गर्व है कि हम इस राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र का हिस्सा हैं।”
परियोजना प्रमुखों के विचार
इस पहल (AI Centre of Excellence) का नेतृत्व एम्स दिल्ली की ओर से डॉ. कृतिक रांगराजन करेंगी। उन्होंने कहा, “यह तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं के संगम का एक शानदार मौका है। हमारा फोकस मरीजों को केंद्र में रखकर ऐसे समाधान विकसित करना है, जिससे हर नागरिक को लाभ मिल सके।”
आईआईटी दिल्ली की ओर से इस पहल का नेतृत्व कर रहे प्रो. चेतन अरोड़ा ने कहा, “AI-CoE न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख अनुसंधान और संसाधन केंद्र बनेगा। हमारा उद्देश्य है कि हम स्वदेशी AI समाधान विकसित कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएं, स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करें और ग्रामीण व वंचित समुदायों तक गुणवत्ता युक्त सेवाएं पहुंचाएं।”
उन्होंने आगे कहा, “आईआईटी और एम्स के बीच पहले से ही मजबूत अनुसंधान सहयोग रहा है। हमें विश्वास है कि यह केंद्र स्वास्थ्य और तकनीकी अनुसंधान में वैश्विक स्तर पर एक नई मिसाल कायम करेगा।”
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