Medical Faculty Regulations: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताओं को निर्धारित करते हुए ‘मेडिकल संस्थान (फैकल्टी की योग्यता) विनियम, 2025’ को अंतिम रूप देकर 30 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है। इस नई नियमावली से मेडिकल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कई अहम बदलाव किए गए हैं।
एनएमसी द्वारा जारी अधिसूचना (Medical Faculty Regulations) में मेडिकल और नॉन-मेडिकल फैकल्टी की योग्यता, अनुभव, और नियुक्ति से जुड़े प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है। इन विनियमों (Medical Faculty Regulations) के छह प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
1. नॉन-मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति को मिली अनुमति
एनएमसी ने एनाटॉमी, बायोकैमिस्ट्री, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी जैसे विभागों में गैर-MBBS डिग्रीधारकों को फैकल्टी नियुक्त करने की अनुमति दी है।
इन विभागों में पढ़ाने के लिए संबंधित क्षेत्र में एमएससी (M.Sc.) या पीएचडी (Ph.D.) डिग्री होना जरूरी होगा, बशर्ते कि वह डिग्री किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल संस्थान से रेगुलर इन-कैंपस कोर्स के माध्यम से प्राप्त की गई हो।
2. डिप्लोमा और DNB डिग्रीधारकों को मिली मान्यता
एनएमसी ने यह स्पष्ट किया (Medical Faculty Regulations) है कि जिन डिप्लोमा धारकों को 08.06.2017 से पहले किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल संस्थान में सीनियर रेजिडेंट नियुक्त किया गया था और जिनके पास 4 वर्ष का अनुभव है, वे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों में 6 साल का अनुभव रखने वाले डिप्लोमा धारक भी पात्र माने जाएंगे।
DNB (Diplomate of National Board) डिग्री को भी MD/MS के समकक्ष माना जाएगा, यदि वह 500 या अधिक बेड वाले अस्पताल से प्राप्त की गई हो। 500 से कम बेड वाले संस्थान से DNB करने वालों को 1 साल की अतिरिक्त सीनियर रेजिडेंसी करनी होगी।
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3. टीचिंग अस्पताल के लिए बेड की न्यूनतम संख्या घटी
नई नियमावली (Medical Faculty Regulations) के अनुसार, अब 220 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले सरकारी अस्पतालों को टीचिंग हॉस्पिटल माना जाएगा। पहले यह सीमा 330 बेड थी, जिससे कई संस्थानों को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने में बाधा आ रही थी।
4. नॉन-टीचिंग कंसल्टेंट्स को भी मिलेगी फैकल्टी पद की पात्रता
- अब गैर-शैक्षणिक चिकित्सकों (Non-Teaching Consultants) को भी फैकल्टी पदों के लिए पात्र माना गया है।
- यदि किसी वरिष्ठ कंसल्टेंट ने NBEMS से मान्यता प्राप्त संस्थान में 3 साल तक पोस्ट ग्रेजुएट पढ़ाया है, तो वह प्रोफेसर बन सकते हैं।
- 10 वर्षों तक 220 बेड वाले अस्पताल में अनुभव रखने वाले कंसल्टेंट एसोसिएट प्रोफेसर बन सकते हैं।
- इसी प्रकार, 2 वर्षों के अनुभव के साथ ऐसे डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो सकते हैं।
हालांकि, नियुक्ति के बाद इन्हें दो वर्षों के भीतर मेडिकल एजुकेशन और बायोमेडिकल रिसर्च के बेसिक कोर्स पूरे करने होंगे।
5. BCMET कोर्स से कुछ फैकल्टी को छूट
जो फैकल्टी सुपर स्पेशलिटी विभाग या UG पाठ्यक्रम में शामिल न होने वाले विषयों में कार्यरत हैं, उन्हें BCMET (Basic Course in Medical Education Training) से छूट दी गई है। हालांकि, उन्हें यह कोर्स नियुक्ति के दो वर्षों के भीतर पूर्ण करना होगा।
6. मेडिकल कॉलेज फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट्स की आयु सीमा तय
नई नियमावली (Medical Faculty Regulations) के तहत:
- कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष की आयु के बाद फैकल्टी के रूप में कार्य नहीं कर सकेगा।
- सीनियर रेजिडेंट पद के लिए सामान्यतः 45 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तय की गई है।
- हालांकि, एनाटॉमी, बायोकैमिस्ट्री, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे विषयों में यह आयु सीमा 50 वर्ष होगी।
यहां पढ़ें एनएमसी द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना
Press-note-on-Medical-Institution-Qualifications-of-Faculty-Regulations-2025
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