Maternal health India: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) के अनुसार, भारत में कुल मिलाकर 88.6% प्रसव अब संस्थागत स्तर पर हो रहे हैं, जिसमें जनजातीय समुदाय की महिलाएं भी शामिल हैं। यह आंकड़ा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में हुए सुधार को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत सरकार द्वारा कई प्रभावशाली योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, विशेषकर दूरदराज और जनजातीय इलाकों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है।
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इन पहलों में प्रमुख हैं:
- जननी सुरक्षा योजना (JSY) – यह एक मांग प्रोत्साहन और सशर्त नकद हस्तांतरण योजना है, जो महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करती है।
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (JSSK) – इसके अंतर्गत सभी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त डिलीवरी (सीज़ेरियन समेत), मुफ्त दवाइयाँ, जांच, रक्त, खानपान और परिवहन की सुविधा दी जाती है।
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) – प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ चिकित्सकों से निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व जांच की सुविधा मिलती है।
- विस्तारित PMSMA रणनीति – इस रणनीति के तहत हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान कर ट्रैकिंग की जाती है और ASHA कार्यकर्ता को अतिरिक्त दौरे के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है।
- सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (SUMAN) – इस पहल का उद्देश्य हर गर्भवती महिला और नवजात को गरिमापूर्ण, गुणवत्तापूर्ण और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है, जिसमें सेवा से इनकार को शून्य सहिष्णुता के साथ देखा जाता है।
- बर्थ वेटिंग होम्स (BWH) – विशेष रूप से दूर-दराज और जनजातीय क्षेत्रों में इन घरों की स्थापना की गई है, ताकि महिलाएं प्रसव से पहले स्वास्थ्य केंद्रों के पास रुक सकें।
- ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (VHSND) – आंगनवाड़ी केंद्रों पर हर महीने यह दिवस आयोजित होता है, जिसमें महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं दी जाती हैं।
- आउटरीच कैंप्स – इन शिविरों के माध्यम से दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जाती है और समुदाय को मातृ-शिशु स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है।
सरकार की इन पहलों के चलते, ग्रामीण और जनजातीय महिलाओं में भी संस्थागत प्रसव के प्रति भरोसा बढ़ा है, जिससे मातृ मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है।
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