DTAB/DCGI against Antibiotic FDC: ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB), जो भारत में दवाओं की सर्वोच्च सलाहकार निकाय है, ने एंटीबायोटिक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंस (FDCs) के अनियंत्रित उपयोग पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
DTAB ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को निर्देश दिया है कि बिना मंजूरी वाले एंटीबायोटिक FDCs के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह निर्णय राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों (SLAs) द्वारा आवश्यक जानकारी न देने के चलते लिया गया है।
24 अप्रैल 2025 को हुई 92वीं बैठक में हुआ अहम फैसला
DTAB की 92वीं बैठक 24 अप्रैल 2025 को आयोजित की गई थी, जिसमें एजेंडा नंबर 15 के तहत एंटीबायोटिक FDCs को नियंत्रित करने के प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक के आधिकारिक विवरण के अनुसार, “SLAs द्वारा आवश्यक जानकारी न देना अनुचित है। DTAB ने सुझाव दिया कि DCGI को SLAs से संपर्क कर ऐसे FDCs के उत्पाद लाइसेंस को वापस लेने के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए।”
अनियमित एंटीबायोटिक FDCs पर लगाम लगाने की कोशिशें
DCGI ने 2024 से राज्य नियामकों को कई बार पत्र लिखकर उनके द्वारा लाइसेंस प्राप्त एंटीबायोटिक कॉम्बिनेशंस की पूरी सूची मांगी थी और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा था कि कोई भी बिना मंजूरी वाला उत्पाद उनके क्षेत्र में न बिके। यह कदम एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया गया था।
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ICMR और DGHS की बैठकों में भी हुआ था विचार
25 अप्रैल 2023 को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक महत्वपूर्ण बैठक में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि बाजार में उपलब्ध अनुचित कॉम्बिनेशंस को तुरंत प्रतिबंधित किया जाए और नए अनियमित कॉम्बिनेशंस को बाजार में आने से रोका जाए। इसके बाद 16 अक्टूबर 2023 को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहमति बनी कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) हर छह महीने में एंटीबायोटिक FDCs की समीक्षा करेगा।
एआईआईएमएस के प्रोफेसर की अध्यक्षता में बनी उप-समिति
DTAB ने 25 जनवरी 2024 को अपनी 90वीं बैठक में एम्स (AIIMS) के फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. डी.एस. आर्य की अध्यक्षता में एक उप-समिति का गठन किया था। इस उप-समिति में एक फार्माकोलॉजिस्ट, एक मेडिकल स्पेशलिस्ट और एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट को शामिल किया गया है, जो इस मुद्दे पर विस्तृत अध्ययन कर आवश्यक सिफारिशें देंगे।
राज्य नियामकों की अनदेखी पर सख्त रुख
केंद्र और विभिन्न संस्थानों की कोशिशों के बावजूद, राज्य नियामकों की उदासीनता को देखते हुए अब DTAB ने DCGI को यह अधिकार दिया है कि वे SLAs के साथ समन्वय कर ऐसे एंटीबायोटिक FDCs के लाइसेंस रद्द करें, जो केंद्रीय मानदंडों के अंतर्गत अप्रमाणित पाए गए हैं।
DTAB के इस सख्त कदम से उम्मीद है कि अनियमित एंटीबायोटिक FDCs के अनियंत्रित उपयोग पर प्रभावी रोक लगेगी और AMR के खतरे को कम किया जा सकेगा।
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