Day Care Cancer Centre: केंद्र सरकार ने देशभर में कैंसर देखभाल को मजबूती देने के लिए अहम घोषणाएं की हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कैंसर के इलाज, रोकथाम और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए व्यापक स्तर पर योजनाएं लागू कर रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत “राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (NP-NCD)” के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय मदद दी जा रही है।
अब तक:
- 770 जिला एनसीडी क्लीनिक
- 233 कार्डियक केयर यूनिट
- 372 जिला डे केयर सेंटर
- 6,410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए जा चुके हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से जन-जागरूकता और स्क्रीनिंग
इन केंद्रों में कैंसर सहित अन्य गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, प्रबंधन और रोकथाम की सेवाएं दी जा रही हैं। यह प्रयास 12 सेवा पैकेजों का हिस्सा है जो आम जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने में सहायक हो रहा है।
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तृतीयक देखभाल को मिला नया विस्तार
सरकार ने अब तक 19 राज्य कैंसर संस्थान (SCI) और 20 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (TCCC) स्थापित किए हैं। साथ ही, 22 नए AIIMS में भी कैंसर उपचार सुविधाएं शुरू की गई हैं।
हरियाणा के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) और कोलकाता के चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर ने सुपर-स्पेशलिटी सेवाओं की उपलब्धता को और बढ़ाया है।
आयुष्मान भारत योजना का दायरा हुआ और व्यापक
“प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY)” के तहत 55 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹5 लाख तक की वार्षिक द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में मिल रही हैं।
हाल ही में इस योजना का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को बिना आय सीमा के विस्तार किया गया है।
कैंसर उपचार में अब तक हुआ ₹13,000 करोड़ से अधिक का व्यय
- योजना के अंतर्गत 68 लाख से अधिक कैंसर उपचार किए गए।
- इनमें से 75.81% लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
- Targeted therapy के तहत 4.5 लाख से अधिक उपचार, जिन पर ₹985 करोड़ से अधिक की लागत आई है।
2025-26 में स्थापित होंगे 200 नए डे केयर कैंसर सेंटर
केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में घोषणा की है कि अगले तीन वर्षों में जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर (DCCC) स्थापित किए जाएंगे।
- पहले चरण में 200 नए सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- इसके लिए गैप विश्लेषण किया गया है, जिससे उच्च कैंसर बोझ वाले और सीमित उपचार सुविधा वाले जिलों की पहचान की गई है।
इन जिलों को SCI और TCCC के साथ एक मजबूत रेफरल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज सुलभ हो सके।
आने वाला कल, और भी बेहतर
कैंसर देखभाल के लिए यह रणनीति सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि एनसीडी की जनसंख्या आधारित जांच, रोकथाम, और प्रबंधन को भी एकीकृत ढंग से प्राथमिक स्वास्थ्य ढांचे में समाहित करती है।
सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई अब और अधिक संगठित, सुलभ और प्रभावी होगी। खासकर उन लोगों के लिए जो अब तक इन सेवाओं से वंचित थे।
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