Telangana Medical Council: तेलंगाना मेडिकल काउंसिल (TGMC) ने स्पष्ट किया है कि डेंटिस्ट, डेंटल सर्जन और ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन (MDS) हेयर ट्रांसप्लांट और एस्थेटिक प्रक्रियाएं (सौंदर्य सर्जरी) नहीं कर सकते। यह फैसला नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से प्राप्त जवाब के आधार पर लिया गया है।
TGMC ने बताया कि इन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और शैक्षणिक योग्यता डेंटिस्टों की पढ़ाई के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है, इसलिए वे इन सर्जिकल प्रक्रियाओं को करने के लिए ‘औपचारिक सर्जिकल ज्ञान और प्रशिक्षण’ से वंचित हैं।
एनएमसी की गाइडलाइंस का हवाला
TGMC ने एनएमसी को पत्र लिखकर यह स्पष्टता मांगी थी कि क्या डेंटिस्ट एस्थेटिक सर्जरी कर सकते हैं। इसके जवाब में एनएमसी ने 13 जून 2025 को स्पष्ट किया कि इस संबंध में योग्यता की जानकारी 20 सितंबर 2022 को जारी की गई Guideline on Aesthetic Surgery and Hair Transplant Procedures में पहले से ही दी गई है।
एनएमसी ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा कि हेयर ट्रांसप्लांट केवल उन्हीं लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जिन्हें सर्जिकल प्रशिक्षण प्राप्त है जैसे MCh/DNB प्लास्टिक सर्जरी या MD/DNB डर्मेटोलॉजी, जिनके पाठ्यक्रम में यह विषय शामिल है।
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डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की पहले की राय
गौरतलब है कि इससे पहले डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) ने 6 दिसंबर 2022 को एक परिपत्र जारी कर ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जनों को हेयर ट्रांसप्लांट व एस्थेटिक प्रक्रियाएं करने की अनुमति दी थी, बशर्ते उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त हो और जरूरी उपकरणों व सुविधाओं से लैस क्लिनिक हो।
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका
इस परिपत्र को चुनौती देते हुए Dynamic Dermatologist and Hair Transplant Association ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में DCI की गाइडलाइन को रद्द करने और दंत चिकित्सकों द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट से संबंधित विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
NMC ने DCI की गाइडलाइन को अस्वीकृत किया
हाल ही में NMC ने TGMC को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि DCI ने EMRB, NMC से परामर्श किए बिना यह गाइडलाइन जारी की थी। एनएमसी ने TGMC से आग्रह किया कि वे 20.09.2022 की आधिकारिक गाइडलाइन को ही मान्य मानें।
TGMC की सार्वजनिक चेतावनी
इस स्पष्टीकरण के बाद TGMC ने आम जनता के लिए सार्वजनिक सूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि डेंटिस्ट (BDS)/डेंटल सर्जन और ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन (MDS) के पाठ्यक्रम में न तो एस्थेटिक सर्जरी और न ही हेयर ट्रांसप्लांट कोर विषय के रूप में शामिल हैं। अतः, उनके पास इन सर्जिकल प्रक्रियाओं को करने के लिए जरूरी ज्ञान और प्रशिक्षण नहीं है।
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