राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पाठ्यक्रमवार फीस संरचना और इंटर्न/जूनियर रेजिडेंट/सीनियर रेजिडेंट को दी जाने वाली स्टाइपेंड की पूरी जानकारी सार्वजनिक करें। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों और मौजूदा चिकित्सा शिक्षा नियमों के आलोक में जारी किया गया है।
इस संबंध में 11 जुलाई 2025 को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करते हुए NMC ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का पालन न करने वाले संस्थानों पर शोकॉज नोटिस, आर्थिक दंड, कोर्स की मान्यता रद्द करने और प्रवेश पर रोक जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
NMC ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया
NMC ने अपने नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के 29 अप्रैल 2025 के “उत्तर प्रदेश राज्य बनाम भावना तिवारी” मामले का हवाला दिया है, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि सभी निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटियों को ट्यूशन फीस, हॉस्टल चार्ज, कॉशन डिपॉजिट और अन्य सभी शुल्कों की जानकारी काउंसलिंग से पहले सार्वजनिक करनी होगी।
इसके अलावा “अभिषेक यादव बनाम आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज” केस में सुप्रीम कोर्ट ने इंटर्नशिप फीस की अवैध वसूली और स्टाइपेंड न देने की शिकायतों पर अंतरिम निर्देश जारी किए हैं।
यह भी पढ़ें: NMC Chairperson: डॉ. अभिजात सेठ बने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नए अध्यक्ष
Google फॉर्म के माध्यम से डेटा संग्रह
NMC ने मेडिकल कॉलेजों को एक विशेष Google फॉर्म लिंक भी प्रदान किया है, जिसके माध्यम से उन्हें अपने-अपने संस्थानों की फीस और स्टाइपेंड संबंधी विस्तृत जानकारी सबमिट करनी होगी। हालांकि कुछ संस्थान इन जानकारियों को Intra MCC पोर्टल पर साझा कर रहे हैं, परंतु एनएमसी के अनुसार यह व्यवस्था समग्र नहीं है।
नियमों के तहत स्टाइपेंड अनिवार्य
NMC ने कहा है कि इंटर्न्स को स्टाइपेंड देने की अनिवार्यता कंपलसरी रोटरी मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) विनियम, 2021 की धारा 3, PGMER 2000 की धारा 13, तथा PGMER 2023 की धारा 5.4 के तहत स्पष्ट रूप से निर्धारित है। यह स्टाइपेंड उस प्राधिकरण द्वारा तय किया जाएगा, जो संबंधित संस्थान या विश्वविद्यालय पर लागू होता है।
साथ ही PGMER 2023 की धारा 4.3 के तहत मेडिकल कॉलेजों को सीट मैट्रिक्स में कोर्स की फीस जानकारी दर्ज करना अनिवार्य है। यदि फीस की जानकारी साझा नहीं की जाती है तो उस कोर्स की सीटें मान्य नहीं मानी जाएंगी।
गैर-अनुपालन पर सख्त कार्रवाई
यदि कोई मेडिकल कॉलेज एनएमसी के इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाई की जा सकती है:
- शोकॉज नोटिस जारी किया जाएगा
- आर्थिक दंड लगाया जाएगा
- कोर्स की मान्यता रद्द की जा सकती है
- उस कोर्स में नए प्रवेश पर रोक लगाई जा सकती है
यह कार्रवाई चिकित्सा संस्थानों की स्थापना, मूल्यांकन और रेटिंग विनियम, 2023 की धारा 30 और 31, चिकित्सा शिक्षा विनियमों के मानकों का रखरखाव, 2023 की धारा 8 और PGMER, 2023 की धारा 9.1 व 9.2 के अंतर्गत की जाएगी।
पिछली कार्रवाई का उल्लेख
NMC ने बताया कि अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर देश के मेडिकल कॉलेजों को 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों को दी गई स्टाइपेंड की जानकारी सबमिट करने के लिए अंतिम तिथि 23 अप्रैल 2024 तय की गई थी।
नवंबर 2024 में एनएमसी ने 198 मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जिन्होंने यह जानकारी समय पर अपलोड नहीं की थी। एनएमसी ने स्पष्ट किया था कि इस प्रकार की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा।
अंतिम समय-सीमा
NMC ने सभी मेडिकल कॉलेजों से कहा है कि इस सार्वजनिक सूचना की तारीख से सात (7) दिनों के भीतर गूगल फॉर्म के माध्यम से फीस और स्टाइपेंड की जानकारी अवश्य अपलोड करें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ नियामकीय कार्रवाई की जाएगी।
एनएमसी नोटिस देखने के लिए नीचे दी गई PDF फाइल को पढ़ें:
nmc-mandatory-disclosure-of-fee-structures-and-payment-of-stipend-by-all-medical-college-institutions-294371
Discussion about this post