Homeopathic CCMP: महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC) ने होम्योपैथी डॉक्टरों को आधुनिक चिकित्सा (Allopathy) के अभ्यास की अनुमति देते हुए एक नई अधिसूचना जारी की है। इसके तहत वे होम्योपैथ डॉक्टर जिन्होंने मॉडर्न फार्माकोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स (CCMP) पूरा कर लिया है, अब राज्य चिकित्सा रजिस्टर में ‘रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर’ (RMP) के रूप में पंजीकृत होकर अलोपैथी दवाएं लिख सकेंगे।
इस फैसले (Homeopathic CCMP) के साथ ही मेडिकल बिरादरी में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। IMA महाराष्ट्र ने इस कदम को चिकित्सा मानकों के लिए खतरा बताया है और 11 जुलाई को प्रतीकात्मक हड़ताल व हर शहर में मार्च का ऐलान किया है।
Homeopathic CCMP: क्या है CCMP कोर्स?
यह छह महीने का प्रमाणपत्र कोर्स (Homeopathic CCMP) है जो महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (MUHS), नासिक द्वारा संचालित किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित इस कोर्स में होम्योपैथी डॉक्टरों को आधुनिक चिकित्सा का परिचय और आवश्यक दवाओं की जानकारी दी जाती है।
अब तक 15,000 से अधिक होम्योपैथिक डॉक्टर इस कोर्स को पूरा कर चुके हैं। इस कोर्स को करने वाले डॉक्टरों को अब MMC में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा 15 जुलाई 2025 से शुरू की जाएगी।
क्या कहा गया है अधिसूचना में?
MMC की अधिसूचना में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 25 जून 2014 को जारी अधिसूचना के तहत महाराष्ट्र होम्योपैथिक प्रैक्टिशनर्स एक्ट और महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल एक्ट, 1965 में संशोधन किया गया था। इस संशोधन के अनुसार, होम्योपैथिक डॉक्टर (Homeopathic CCMP) जो राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त CCMP कोर्स पास कर चुके हैं, उन्हें आधुनिक चिकित्सा का सीमित अभ्यास करने की अनुमति दी गई है। अब उनके लिए राज्य चिकित्सा रजिस्टर में पंजीकरण का रास्ता साफ किया गया है।
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IMA और एलोपैथिक डॉक्टरों का विरोध
IMA महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम ने कहा कि यह निर्णय चिकित्सा की गुणवत्ता को कम करता है और यह वैश्विक और राष्ट्रीय चिकित्सा नियमों के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस तरह की ‘लैटरल एंट्री’ से कथित रूप से अयोग्य डॉक्टरों को अलोपैथी में प्रवेश दिया जा रहा है, जो जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
उन्होंने यह भी कहा कि मरीज यह नहीं समझ पाएंगे कि ‘मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिशनर’ वास्तव में कौन है और इमरजेंसी में गलत दवा या इलाज से जान का खतरा बढ़ सकता है।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस निर्णय की तीखी आलोचना की है। एक डॉक्टर ने लिखा कि महाराष्ट्र में चिंताजनक संकेत। हम किस हद तक चिकित्सा मानकों को गिराएंगे? सभी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और IMA को इस मुद्दे को उठाना चाहिए।
एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि महज छह महीने के कोर्स (Homeopathic CCMP) के आधार पर एलोपैथी की अनुमति देना खतरनाक है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सीधा जोखिम है।
कुछ लोगों ने किया समर्थन
हालांकि विरोध के बीच कुछ लोग इस निर्णय को वर्षों की लंबित प्रक्रिया का क्रियान्वयन मान रहे हैं। एक RTI कार्यकर्ता ने कहा कि MUHS द्वारा 2016 में शुरू किए गए इस कोर्स के तहत 33 मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षण चल रहा है। हजारों डॉक्टरों को CCMP कोर्स करवाया जा चुका है, लेकिन पंजीकरण प्रक्रिया अटकी हुई थी। अब उसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
पृष्ठभूमि
- 2014 में पहली बार इस विषय में संशोधन हुआ था।
- 2017 में LCEH (1951-1982) वाले होम्योपैथी डॉक्टरों को MMC में पंजीकरण की अनुमति दी गई थी।
- 2024 में FDA ने होम्योपैथ डॉक्टरों को दवा विक्रेताओं से एलोपैथिक दवाएं लेने की अनुमति दी।
- अब 2025 में ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत के साथ यह व्यवस्था औपचारिक रूप से लागू हो रही है।
आगे क्या?
MMC के प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने कहा है कि हमें सरकार से निर्देश और न्याय विभाग से हरी झंडी मिल चुकी है। 15 जुलाई से पंजीकरण शुरू होगा। हम यह भी अध्ययन कर रहे हैं कि होम्योपैथ डॉक्टरों (Homeopathic CCMP) को किन दवाओं को पर्चे लिखने की अनुमति दी जाए।
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