Madurai news: मदुरै स्थित मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में तमिलनाडु सरकार को एक परिवार को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
यह फैसला उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में आया है, जिसमें थंजावुर के गवर्नमेंट राजा मीरासदार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक स्टाफ नर्स ने लापरवाहीपूर्वक नवजात बच्ची की अंगुली काट दी थी।
यह घटना 25 मई 2021 की है, जब याचिकाकर्ता की पत्नी ने एक कन्या को जन्म दिया था। जन्म के बाद मां और नवजात दोनों को अस्पताल में भर्ती रखा गया था। याचिका में कहा गया कि ड्यूटी पर तैनात नर्स ने वेनफ्लॉन हटाने के दौरान जल्दबाजी में कैंची का इस्तेमाल किया, जिससे 14 दिन की नवजात बच्ची की बाईं हाथ की अंगूठा कट गया।
बच्ची के पिता ने इस लापरवाही के खिलाफ मदुरै खंडपीठ (Madurai News) में याचिका दाखिल की थी और मुआवजे की मांग की थी।
अंतरिम मुआवजे के बाद अब अंतिम मुआवजा तय
कोर्ट (Madurai Court) ने पहले 9 अगस्त 2021 को 75,000 रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसके बाद जब केस की अगली सुनवाई हुई, तो अदालत ने याचिकाकर्ता को मुआवजे की गणना मोटर दुर्घटना दावा (Motor Accidents Claims) और श्रम कानूनों (Workmen’s Compensation Act) के सिद्धांतों के आधार पर प्रस्तुत करने को कहा।
याचिकाकर्ता ने तीन विधियों से गणना करते हुए लगभग 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का अनुमान प्रस्तुत किया। हालाँकि, अदालत ने कहा कि चूंकि यह मामला विशिष्ट है और इन विधियों की सीधी तुलना उपयुक्त नहीं है, इसलिए 7,50,000 रुपये का मुआवजा न्यायोचित और उचित होगा।
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12 सप्ताह में देना होगा शेष मुआवजा
अदालत (Madurai Court) ने अंतिम आदेश में कहा, “75,000 रुपये की अंतरिम राशि घटाकर शेष 6,75,000 रुपये का भुगतान राज्य सरकार को 12 सप्ताह के भीतर करना होगा।”
भविष्य में प्लास्टिक सर्जरी की छूट भी दी
इसके अलावा, हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि बच्ची के 12 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, उसके लिए प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता होने पर, उसे ओमंदुरार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में मुफ्त उपचार प्राप्त करने की अनुमति होगी।
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